दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़ : पंजाब की सबसे हॉट संसदीय सीट में शामिल पटियाला में इस बार चुनावी मुकाबला बड़ा रोचक रहने वाला है। बेशक, इस सीट पर ‘मोती महल’ का वर्चस्व रहा है, लेकिन इस बार रास्ते इतने आसान नहीं हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री परनीत कौर के सामने तीन और राजनीतिक दलों के ‘योद्धा’ चुनावी रण में होंगे।
पटियाला से जीत की हैट्रिक लगा चुकीं परनीत कौर का रास्ता रोकने के लिए पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी पूरी तैयारी में है। अकाली दल पूर्व विधायक और पार्टी के कोषाध्यक्ष एनके शर्मा पर दांव लगा सकता है। बादल परिवार के सबसे नजदीकियों में शामिल एनके शर्मा के मैदान में आने के बाद मुकाबला और भी दिलचस्प होना तय है।
1952 से 2019 तक हुए 17 चुनावों में से 11 बार पटियाला सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। राज परिवार का यहां सबसे अधिक प्रभाव रहा है। पूर्व सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह की माता महारानी मोहिंद्र कौर भी पटियाला से सांसद रही हैं। वहीं अमरेंद्र सिंह की पत्नी महारानी परनीत कौर अभी तक चार बार पटियाला का प्रतिनिधित्व लोकसभा में कर चुकी हैं। वह मनमोहन सरकार में विदेश राज्य मंत्री भी रहीं। अमरेंद्र सिंह के बाद अब परनीत भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुकी हैं। भाजपा ने उन्हें पटियाला से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बताते हैं कि पटियाला संसदीय क्षेत्र के वे अधिकांश कांग्रेसी अब परनीत कौर के साथ आ चुके हैं, जो अमरेंद्र सिंह के करीबी रहे हैं।
पंजाब में बदले हुए राजनीतिक हालात के बीच राज परिवार के लिए इस बार पटियाला में कई तरह की चुनौतियां रहेंगी। राज्य में अकाली दल और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं। ऐसे में पंजाब की कई सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला हो सकता है।
दो डॉक्टर हो सकते हैं आमने-सामने : शाही सीट पटियाला पर इस बार दो डॉक्टर भी आमने-सामने हो सकते हैं। सत्तारूढ़ आप ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पटियाला देहात सीट से विधायक सिंह की परफॉर्मेंस सही है, लेकिन पटियाला संसदीय सीट पर चुनाव के लिए उन्होंने पहले कभी तैयारी नहीं की। वहीं 2014 में यहां से आप के सांसद रहे डॉ. धर्मबीर गांधी अब कांग्रेस टिकट पर चुनावी रण में आ सकते हैं। वर्ष 2014 में सांसद बनने के बाद उनके आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के साथ वैचारिक मतभेद हो गए। कांग्रेस विजेंद्र सिंगला, पूर्व विधायक हरदयाल कम्बोज और पूर्व वित्त मंत्री लाल सिंह के नाम पर भी चर्चा कर सकती है।
यह है इस सीट का गणित
पटियाला सीट के अंतर्गत आने वाले नौ विधानसभा हलकों में से आठ पटियाला जिला के और एक मोहाली का है। डेराबस्सी इसी क्षेत्र में आता है। वहीं पटियाला जिला के नाभा, पटियाला शहरी, पटियाला ग्रामीण, राजपुरा, घनौर, सनौर, समाना व शुतराणा विधानसभा हलके इस संसदीय सीट के अंतर्गत आते हैं। पटियाला सीट के इन सभी हलकों में 2022 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी।
अकाली दल खेल सकता है हिंदू कार्ड
पंजाब में लंबे समय तक सत्ता में रह चुके अकाली दल द्वारा पटियाला से इस बार हिंदू कार्ड खेला जा सकता है। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव और सुखबीर सिंह बादल के नजदीकियों में शामिल एनके शर्मा को यहां से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। पंथक वोटरों में अकाली दल का प्रभाव माना जा सकता है। पटियाला में हिंदू वोटर भी काफी अधिक हैं। कभी भी शर्मा के नाम का ऐलान हो सकता है। डेराबस्सी से विधायक रहे एनके शर्मा मोहाली में प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वह पार्टी के गैर-विवादित चेहरा हैं और लोगों के बीच मिलनसार भी हैं।