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पठानकोट में 60 अधिकारियों को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला

पंजाब के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थिति गंभीर
ब्यास नदी का पानी बढ़ने पर सुल्लतानपुर लोधी के ग्रामीण पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर जाते हुए। मलकीत िसंह
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भारतीय वायुसेना ने पठानकोट जिले में माधोपुर बैराज के द्वार खोलने के लिए तैनात 60 सिंचाई अधिकारियों को बुधवार को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाल लिया जबकि एक अधिकारी लापता है। अधिकारियों के मुताबिक इसके अतिरिक्त, रावी नदी पर स्थित माधोपुर हेडवर्क्स के दो गेट भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पठानकोट के उपायुक्त आदित्य उप्पल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से 60 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि लापता अधिकारी का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। उपायुक्त आदित्य उप्पल ने कहा-तलाशी अभियान जारी है। हमारी टीमें मौके पर मौजूद हैं, और हमने नीचे की ओर सभी लोगों को तलाशी में मदद करने के लिए सूचित कर दिया है। माधोपुर हेडवर्क्स में कुल 54 फ्लड गेट हैं जो पानी के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। मंगलवार को हेडवर्क्स से पानी का प्रवाह 2,00,000 क्यूसेक मापा गया था, जो अब घटकर 62,000 क्यूसेक रह गया है। बाढ़ प्रभावित पठानकोट में स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि रावी, उझ और जलालियन नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण कई गांव जलमग्न हो गए हैं। रंजीत सागर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इस बीच, पंजाब के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

होशियारपुर में 8,000 एकड़ खेत जलमग्न: बाढ़ के संकट के बीच अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि होशियारपुर जिले के 44 गांवों में 8,000 एकड़ से अधिक खेत जलमग्न हो गए हैं । अधिकारियों के अनुसार, पौंग बांध का जलस्तर बुधवार को 1,393 फुट तक पहुंच गया, जिससे लगभग 1.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा। शाह नहर बैराज में लगभग 94,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इसलिए निचले इलाकों के गांवों को सतर्क कर दिया गया है। उपायुक्त आशिका जैन ने बताया कि जिले के 44 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें मुकेरियां उपमंडल में 20, टांडा में 13, दसूया में चार और होशियारपुर में सात गांव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 12 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें टांडा में तीन, मुकेरियां में आठ और दसूया में एक शिविर शामिल है। टांडा के शिविरों में 646 लोगों ने शरण ली है।

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फंसे लोगों को निकाल रहीं नावें

पंजाब में कई दिनों से भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ के बीच राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और अन्य एजेंसियों ने बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। अमृतसर (ग्रामीण) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि अजनाला क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के लिए नावें तैनात की गई हैं। अमृतसर की उपायुक्त साक्षी साहनी ने रावी नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ का जायजा लेने के लिए इलाके का दौरा किया। पठानकोट में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास उफनती रावी नदी से कई गांव जलमग्न हो गये।

मुख्यमंत्री ने मदद के लिए भेजा हेलीकॉप्टर

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरदासपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का बुधवार को दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करने को कहा। मान ने गुरदासपुर की यात्रा के दौरान स्थानीय निवासियों से बातचीत की और राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मान ने कहा, ‘कई गांव ऐसे हैं जहां लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और कुछ लोग अपने घरों की छतों पर बैठे हैं।’ उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का हेलीकॉप्टर लोगों की हर ज़रूरत के लिए उपलब्ध है, चाहे वह दूध हो, पानी हो या राशन।

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