अलीपुर अराइयां में डायरिया के 56 मामले, स्वास्थ्य मंत्री ने लिया जायजा
राजपुरा, 6 जुलाई (निस)
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पटियाला के गांव अलीपुर अराइयां में डायरिया के 56 मामलों की जानकारी मिलने के बाद गांव का दौरा किया। उन्होंने जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों के साथ पहुंच कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार प्रभावित मरीजों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है। वे स्वयं इस स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और डायरिया को जड़ से खत्म किया जाएगा।
डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि डायरिया के फैलाव को रोकने के लिए तुरंत और प्रभावशाली कदम उठाए जाएं। उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज पूरी तरह से मुफ्त किया जा रहा है और गांव में डिस्पेंसरियां खोली गई हैं, जहां ओ.आर.एस., एंटीबायोटिक्स और क्लोरीन की गोलियां मुफ्त में दी जा रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी व्यक्ति को लगातार दस्त, उल्टी या कमजोरी महसूस हो, तो वह तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल ले जाया जाए, जहां 24 घंटे की मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गांव में पिछले तीन दिनों से मेडिकल कैंप लगाया गया है, जिसमें इलाज के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इस अवसर पर पटियाला के मेयर कुंदन गोगिया, जसवीर गांधी, विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा की पत्नी सिमरजीत कौर पठानमाजरा, एडीसी नवरीत कौर सेखों, एसडीएम गुरदेव सिंह धम्म, सिविल सर्जन डॉ. जगपालइंदर सिंह, एसएमओ डॉ. नागरा, जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. सुमीत सिंह, दिवजोत सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।
डायरिया का नहीं हो रहा स्थायी समाधान : कैंथ
संगरूर (निस): भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा है कि पटियाला शहर और गांवों के लोग हर साल डायरिया से पीड़ित होते हैं, इसका कोई स्थायी समाधान नहीं है, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की लापरवाही के कारण यह समस्या पैदा हो रही है। पंजाब सरकार का सेहत विभाग व नगर निगम पटियाला इस पर काबू पाने में असमर्थ नजर आ रहे हैं, क्योंकि उन्होंने डायरिया को रोकने के लिए समय रहते प्रबंध नहीं किए। बरसात के मौसम में ऐसी बीमारियां फैल रही हैं, जो जानलेवा हैं, लेकिन सेहत विभाग बीमारियों पर पूरी तरह काबू पाने में विफल रहा है। हर साल केंद्र सरकार ग्रामीण सेहत मिशन के तहत जानलेवा बीमारियों से लड़ने के लिए बजट का प्रबंध करती है, लेकिन पंजाब सरकार का सेहत विभाग इसे पूरी तरह लागू नहीं कर पाता।