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कपूरथला में 50 हजार एकड़ में फसल डूबी

लगातार हुई रात-दिन की बारिश से कपूरथला जिले में बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। सबसे अधिक असर सुल्तानपुर लोधी इलाके पर पड़ा है। ब्यास नदी के जलस्तर में उफान आया और 2.12 लाख क्यूसेक तक पानी बढ़ने से...
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लगातार हुई रात-दिन की बारिश से कपूरथला जिले में बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। सबसे अधिक असर सुल्तानपुर लोधी इलाके पर पड़ा है। ब्यास नदी के जलस्तर में उफान आया और 2.12 लाख क्यूसेक तक पानी बढ़ने से धुस्सी बांध पर दबाव बढ़ गया है। अब तक 50,000 एकड़ से अधिक धान की फसल बर्बाद हो चुकी है।

निचले इलाकों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कसाबां इलाके में एक पुरानी इमारत गिरने से बिजली खंभे व तार क्षतिग्रस्त हुए और आपूर्ति ठप हो गई। ग्रामीणों में 1988 की भीषण बाढ़ जैसी स्थिति दोबारा बनने की आशंका गहराने लगी है। इस बीच, राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल और उनके अनुयायियों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों तक राहत पहुंचाई। उन्होंने प्रभावित गांवों में पकाया हुआ भोजन, तिरपाल, दवाइयां और राशन सामग्री वितरित की। सीचेवाल ने हरिके पत्तन से रेत की निकासी की जरूरत पर भी जोर दिया, ताकि नदी के बहाव को आसान बनाया जा सके और भविष्य में बाढ़ पर काबू पाया जा सके।

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