विवेके शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 जून
पंजाब में पिछले तीन-चार दिनों में दिल दहला देने वाली वारदातें हुई हैं। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो या फिर लुधियाना में दिनदहाड़े बस रोककर लूटपाट और युवक की हत्या की हो। सभी अपराधों में फर्जी नंबर प्लेट का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा, गाड़ियों में काले शीशे लगे थे, जिस कारण अपराधी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। पंजाब में 40 लाख ऐसे वाहन हैं, जिनकी कुंडली पुलिस और परिवहन विभाग के पास नहीं है।
इसके लिए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क व परिवहन मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य डॉ. कमल सोई ने पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मिशन सेफ पंजाब चलाया है। सोई ने चंडीगढ़ में पत्रकारवार्ता में खुलासा किया कि पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही है। पंजाब में वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। अधिकतर अपराधों में वाहन इस्तेमाल हो रहे हैं, लेकिन फर्जी नंबर प्लेट होने के कारण अपराधी आसानी से बच जाते हैं। इस समय पंजाब में 40 लाख ऐसे वाहन हैं, जिन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी है। यदि सभी वाहनों में एचएसआरपी हो तो अपराधियों पर लगाम लगाई जा सकती है। लेकिन पंजाब पुलिस और परिवहन विभाग सोये हुए हैं। तीन दिन में इतनी बड़ी वारदातें होने के बावजूद पुलिस ने ऐसे वाहन चालकों पर कोई शिकंजा नहीं कसा, जिन्होंने एचएसआरपी नंबर प्लेट नहरं लगा रखी है। वाहन पर फैंसी नंबर लगे हैं।
पंजाब को बचाने हाईकोर्ट में जाने की तैयारी
सोई ने कहा कि यदि पंजाब सरकार ने जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया तो वे यातायात के नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए हाईकोर्ट में जाएंगे। पंजाब सरकार को केवल कोर्ट की बात समझ आती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज होना चाहिए। सोई ने कहा कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के संबंध में वो पंजाब के परिवहन मंत्री से मिलना चाहते थे, लेकिन वे नहीं मिले।