बरनाला के 47 सरकारी स्कूलों में से 36 में प्रिंसिपल ही नहीं
बरनाला, 8 फरवरी (निस) पंजाब सरकार जब सत्ता में आई थी तो उसने शिक्षा में क्रांति लाने का दावे किए थे वे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार की तरफ से स्कूलों का रिजल्ट सुधारने के लिए अध्यापकों को विदेशी...
बरनाला, 8 फरवरी (निस)
पंजाब सरकार जब सत्ता में आई थी तो उसने शिक्षा में क्रांति लाने का दावे किए थे वे खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार की तरफ से स्कूलों का रिजल्ट सुधारने के लिए अध्यापकों को विदेशी दौरे पर भेजा गया ताकि वह ट्रेनिंग हासिल कर अध्यापन के गुण सीख सकें लेकिन आज आलम यह है कि जिले के कई स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं हैं, यह आंकड़े डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने जारी किए हैं। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के प्रदेश उपप्रधान राजीव कुमार बरनाला, जिला महासचिव निर्मल सिंह ने कहा कि जिले में 47 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। इनमें से सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ठुल्लीवाल, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ढिलवां, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुखपुर, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोड़ां, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल करमगढ़, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल छापा, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलूर, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हमीदी, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मुम, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रायसर, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां) शेहना, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हरिगढ़, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल भैनी महाराज, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल तपा, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बख़्तगढ़, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़के) शेहना कुल 36 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। ब्लॉक बरनाला के 19 में से 15, ब्लॉक महलकलां के 17 में से 13 और ब्लैक शेहना के 11 में से 8 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है। बरनाला का हाल पूरे पंजाब में सबसे बुरा है। यहां पर 75 प्रतिशत प्रिंसिपल के पद खाली हैं।

