सुखविंदर सिंह मर्डर में 3 आरोपी गिरफ्तार
गौरतलब है कि हरजिंदर सिंह के खिलाफ 307 का केस दर्ज है। इसके अलावा दीपी पर लड़ाई झगड़े का केस है। उन्होंने कहा कि आरोपी हथियार लुधियाना से लेकर आए थे। डीआईजी ने कहा कि अब तक की जांच में हत्या में कोई राजनीतिक साजिश सामने नहीं आई है। हरजिंदर सिंह मृतक सुखविंदर के साथ रहता था। उसका सुखविंदर से पैसों को लेकर विवाद था। इस मामले में पंचायती विवाद भी हो सकता है, लेकिन जांच में केवल पैसों के लेन-देन की बात सामने आई है। मुख्यारोपी हरजिंदर सिंह कुछ दिन पहले आरोपी जगविंदर सिंह के साथ लुधियाना से अवैध पिस्तौल लेकर आया था और उसने सुखविंदर से पैसे मांगे थे। इस दौरान बात बढ़ गई और उसने उस पर गोलियां चला दीं। सुखविंदर के भाई सुखजीत सिंह ने आरोप लगाया कि इस हत्या के पीछे दो-तीन नेताओं का हाथ है। हत्या को लेकर आम आदमी पार्टी पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परगट सिंह, ज्ञानी हरप्रीत सिंह, सुखपाल सिंह खैहरा, सिमरनजीत सिंह मान ने इस हत्या की निंदा की है। उन्होंने पंजाब में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। सुखविंदर के भाई सुखजीत सिंह की शिकायत पर पुलिस ने गुरदीप दास दीपी बावा और हरजिंदर सिंह उर्फ जिंदर गिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि गुरदीप दास दीपी बावा ने कई बार सुखविंदर सिंह को जान से मारने की धमकी दी थी। वह सुखविंदर के परिवार के सरपंची का चुनाव जीतने से खफा था। गुरदीप दास से सुपारी लेने के बाद हरजिंदर सिंह ने हत्या को अंजाम दिया। एसएसपी बरनाला मोहम्मद सरफराज आलम ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। सुखविंदर के शव का पोस्टमार्टम बरनाला के अस्पताल में किया जा रहा है।
सरपंच का चुनाव जीतने के बाद से शुरू हुई थी रंजिश
सुखविंदर की मां मलकीत कौर ने 2018 में शैहना गांव से सरपंच का चुनाव लड़ा था और जीत गई थीं। उनके सरपंच बनने के बाद कामकाज में उनका बेटा सुखविंदर मदद करता था।
गुरदीप दास दीपी बावा की पत्नी भी मलकीत कौर के खिलाफ सरपंची का चुनाव लड़ी थी, जिसे हार का सामना करना पड़ा था। सरपंची का चुनाव जीतने के बाद दीपी बावा के परिवार ने पंचायत की शामलाट जमीन पर कब्जा कर लिया था। हालांकि पंचायत ने वह जमीन खाली करवा दी थी। इसी को लेकर दोनों परिवारों में काफी समय से विवाद चल रहा था।