लुधियाना, 29 जुलाई (निस)
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि पीपीसीबी को सल्फ्यूरिक एसिड के सहमति से उपयोग के खिलाफ कुछ उद्योगों द्वारा अचार बनाने की प्रक्रिया के लिए एचसीएल एसिड के उपयोग के संबंध में शिकायत मिली है। इसलिए बोर्ड ने अपने अधिकारियों के माध्यम से तेजाब अचार बनाने वाली इकाइयों का निरीक्षण किया। बोर्ड द्वारा कारण बताओ नोटिस और व्यक्तिगत सुनवाई की गयी और उल्लंघन करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गयी।
वर्मा ने बताया कि उल्लंघन करने वाली 2 इकाइयां मेसर्स रवींद्र अलॉयज इंडस्ट्रीज, इंडस्ट्रियल एरिया-सी, लुधियाना और मेसर्स सोंड इंपेक्स, फोकल प्वाइंट, लुधियाना को बंद कर दिया गया है। उल्लंघन करने वाली 8 इकाइयों मैसर्स गणपति फास्टनर प्रा. लिमिटेड, स्थान- II, औद्योगिक क्षेत्र-सी, लुधियाना; मेसर्स अशोका इंडस्ट्रियल फास्टनरर्स, ई-108, फेज-IV, फोकल प्वाइंट, लुधियाना, मेसर्स बंसल इंडस्ट्रीज, सी-27, फेज-2, फोकल प्वाइंट, लुधियाना, मेसर्स अशोका इंडस्ट्रियल फास्टनरर्स, ई-116, फेज-4, फोकल प्वाइंट, लुधियाना, मेसर्स अमरजीत स्टील, 1699, स्ट्रीट नं. 12, दशमेश नगर, लुधियाना; मैसर्स विष्णु वायर्स, ई-580, फेज-VII, फोकल प्वाइंट, लुधियाना, मेसर्स आशीष इंटरनेशनल, ई-409, फोकल प्वाइंट, फेज-6, लुधियाना और मेसर्स अभय स्टील्स प्रा. लिमिटेड, एचबी-19, फेज-6, फोकल प्वाइंट, लुधियाना (प्रत्येक उल्लंघन करने वाली इकाई को 1.5 लाख रुपये) को जुर्माना किया गया । वर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उक्त इकाइयों में कई अनियमितताएं पाई गयीं।
उन्होंने बताया कि मेसर्स वल्लभ स्टील्स लिमिटेड, ग्राम-नंदपुर, जीटी रोड, लुधियाना बोर्ड की वैध सहमति प्राप्त किए बिना इकाई का संचालन कर रहा था। इसके अलावा, यूनिट ने बिना कोई कारण बताए 120,000 लीटर प्रति माह 29,000 लीटर प्रति माह खर्च किए गए एसिड को उठाने के लिए समझौते की मात्रा को कम कर दिया है। इसलिए इकाई पर रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया गया है।
प्रयोग में लाये एसिड के नमूने भी लिए
इन उद्योगों द्वारा उपयोग किए जा रहे एसिड के नमूने भी लिए गए और देखा गया कि ये उद्योग एसिड अचार बनाने की प्रक्रिया में एचसीएल एसिड का उपयोग कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने केवल सल्फ्यूरिक एसिड के उपयोग के लिए बोर्ड से सहमति ली थी। इसके अलावा, ये इकाइयां खर्च किए गए एचसीएल को मैसर्स जेबीआर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संचालित कोहरा में स्थित एक पुनर्संसाधन इकाई में उठा रही हैं। जिसमें केवल खर्च किए गए सल्फ्यूरिक एसिड के उपचार के लिए बुनियादी ढांचा है।