ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

107 पंचायतों ने पारित किए विरोध प्रस्ताव

पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ राज्य में नया किसान आंदोलन उभरता दिखाई दे रहा है। सरकार जहां इसे विकास का मॉडल बता रही है, वहीं किसान और पंचायतें इसे ‘जमीन छीनने की साजिश’ करार दे रही हैं।...
Advertisement

पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ राज्य में नया किसान आंदोलन उभरता दिखाई दे रहा है। सरकार जहां इसे विकास का मॉडल बता रही है, वहीं किसान और पंचायतें इसे ‘जमीन छीनने की साजिश’ करार दे रही हैं। अब तक 107 पंचायतें विरोध प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं, और कई गांवों में सरकारी अफसरों के प्रवेश पर रोक लगाने वाले बोर्ड लगाए गए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल गुट) ने आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। फिल्लौर के भटियां गांव के सरपंच रणजीत सिंह बाठ ने बताया कि गांव की 700 एकड़ जमीन बचाने के लिए ग्रामीण पूरी तरह एकजुट हैं। समराला के गांव बालियों में भी, जहां 250 एकड़ भूमि अधिग्रहण प्रस्तावित थी, विरोध के चलते सरकार को पीछे हटना पड़ा। हालांकि, सरकार ने संशोधित नीति की अधिसूचना जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी से जबरन जमीन नहीं ली जाएगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को आश्वस्त किया है कि यह नीति पूरी तरह स्वैच्छिक है। किसान नेताओं का कहना है कि यह योजना 2020 के तीन कृषि कानूनों जैसी ही है और इसे भी जनविरोध के जरिए ही रोका जा सकता है। राजेवाल गुट के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने सरकार से अपील की है कि वह जनता के हितों की रक्षा करने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएं। हरिंदर सिंह लखोवाल के अनुसार, 107 पंचायतें जमीन न देने का संकल्प पारित कर चुकी हैं। उधर, सरकार भी नीति के लाभ बताने के लिए प्रचार अभियान चला रही है।

Advertisement

Advertisement