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10 पार्षदों ने सीएम को अध्यक्ष के खिलाफ लिखा पत्र

संगरूर नगर परिषद में तख्तापलट की अटकलें अब अमल की ओर बढ़ रही हैं। 29 पार्षदों वाले सदन में दो तिहाई से ज़्यादा पार्षद अब बगावत के मूड में हैं। हालांकि, तख्तापलट करने वाले दो तिहाई पार्षदों में से ज़्यादातर...
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संगरूर नगर परिषद में तख्तापलट की अटकलें अब अमल की ओर बढ़ रही हैं। 29 पार्षदों वाले सदन में दो तिहाई से ज़्यादा पार्षद अब बगावत के मूड में हैं। हालांकि, तख्तापलट करने वाले दो तिहाई पार्षदों में से ज़्यादातर भूपिंदर सिंह (मौजूदा अध्यक्ष) को अपना अच्छा दोस्त तो बता रहे हैं, लेकिन अध्यक्ष के तौर पर उनके काम को सही नहीं ठहरा रहे हैं और सरकार गिराने की तैयारी में हैं। इस समय कांग्रेस के 9 और भाजपा के 3 पार्षद पहले से ही विपक्षी दल की भूमिका में हैं। इसलिए अगर 10 बागी पार्षद दोनों दलों के पार्षदों को एक साथ लाने में कामयाब हो जाते हैं, तो 22 पार्षदों के साथ तख्तापलट लगभग तय है। विपक्ष की मानें तो 3 पार्षद ऐसे हैं जो फिलहाल हालात पर नज़र रखे हुए हैं और मौसम बदलने पर बाजी विपक्ष के पक्ष में पलट सकते हैं। नगर कौंसिल में प्रधानगी को उखाड़ फेंकने की चल रही साजिशों के बीच बुधवार को 10 बागी पार्षदों ने बैठक कर मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने कौंसिल के प्रधान को हटाने की मांग की है।

गौरतलब है कि नगर कौंसिल के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे, जिसमें कांग्रेस के 9, आम आदमी पार्टी के 7, भाजपा के 3 और 10 निर्दलीय पार्षद जीते थे। उस समय सत्ता से दूर आम आदमी पार्टी ने फूट की राजनीति करते हुए 10 में से 9 पार्षदों को जिताकर प्रधानगी हासिल की थी और पार्टी प्रधान व कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने मौजूदा आप विधायक नरिंदर कौर भारज के खिलाफ जाकर भूपिंदर सिंह को प्रधान बनवाया था। हालांकि उस समय मौजूदा विधायक भारज किसी और को प्रधान बनवाना चाहती थीं।

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