Zubin Garg Death Case : जुबिन की पत्नी ने लौटाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, कहा- सार्वजनिक किए जाने का पुलिस ले फैसला
गायक जुबिन गर्ग की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने शनिवार को अपने पति की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पुलिस को लौटाते हुए कहा कि यह उनका “निजी दस्तावेज” नहीं है। जांचकर्ता ही बेहतर तय कर पाएंगे कि इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए या नहीं।
सीआईडी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोरमी दास शनिवार को गरिमा को जुबिन की दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपने के लिए गुवाहाटी के काहिलीपाड़ा इलाके स्थित उनके आवास पहुंचीं। दास के जाने के बाद गरिमा ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जांच में सिंगापुर में जुबिन की मौत के पीछे की वास्तविक परिस्थितियों का पता लगा लिया जाएगा। मैंने व्यक्तिगत रूप से सोच-विचार किया और दूसरे लोगों के भी सुझाव लिए। चूंकि, जांच जारी है, इसलिए मैं रिपोर्ट को अपना निजी दस्तावेज नहीं मानती। मैंने जांच अधिकारी को रिपोर्ट लौटा दी है।
गरिमा ने कहा कि वह बस यही चाहती हैं कि जांच सही तरीके से की जाए और सच्चाई जल्द से जल्द सामने आए। मुझे कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसे (पोस्टमार्टम रिपोर्ट) सार्वजनिक करने से जांच प्रभावित होगी या नहीं, मुझे नहीं पता। इसीलिए मैंने रिपोर्ट लौटा दी है। अगर इसे सार्वजनिक किया जा सकता है, तो यह आपको उनसे (जांचकर्ताओं) मिलेगी।
जब गरिमा से जुबिन के बैंड में शामिल शेखर ज्योति गोस्वामी के गायक को जहर दिए जाने के दावे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने सवाल किया कि वह (शेखर) इतने लंबे समय तक चुप क्यों रहे। गरिमा ने कहा कि अगर शेखर को पता था, तो उन्होंने यह बात इतने दिनों तक क्यों छिपाए रखी? बहरहाल, जांच जारी है। अगर किसी ने ऐसा किया है, तो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जुबिन के साथ ऐसा क्यों किया गया? वह सभी से कितना प्यार करते थे। वह सिर्फ लोगों से प्यार करना जानते थे, और कुछ नहीं।
उन्होंने मुझे भी सिर्फ लोगों पर भरोसा करना सिखाया था। जुबिन की सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वह श्यामकानु महंत और उनकी कंपनी की ओर से आयोजित चौथे पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर गए थे। महोत्सव के आयोजक श्यामकानु महंत, जुबिन के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और बैंड के दो सदस्यों-शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत-को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने चारों आरोपियों को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है।
सीआईडी का नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) सिंगापुर में हुई जुबिन की मौत के मामले की जांच कर रहा है। असम सरकार ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का भी गठन किया है। शुक्रवार को जुबिन की मौत के मामले में एक नया मोड़ सामने आया, जब गिरफ्तारी के विस्तृत आधार' या रिमांड नोट से पता चला कि गायक के बैंड में शामिल शेखर ने जुबिन के प्रबंधक सिद्धार्थ और महोत्सव के आयोजक महंत पर सिंगापुर में उन्हें जहर देने का आरोप लगाया है।
गरिमा ने कहा कि हम सभी (टीम के सदस्यों) को अपना मानते थे और उनसे परिवार के सदस्य की तरह पेश आते थे। वह (जुबिन) हमेशा कहते थे कि ये लोग हमारे परिवार का हिस्सा हैं और हमें उनके परिवारों के बारे में भी सोचना है। हमने तो बस यही किया। अब हमें क्या सिला दिया गया है, क्या हमारे साथ सचमुच ऐसा किया गया है? अगर ऐसा किया गया है, तो (दोषियों को) सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।