नयी दिल्ली, 25 दिसम्बर (एजेंसी)
यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हृदय संबंधी एक दुर्लभ विकार से पीड़ित एक युवक को ‘ब्रेन डेड’ हो चुकी वडोदरा की 17 वर्षीय एक किशोरी का हृदय प्रत्यारोपित किया गया जिससे उसे एक नया जीवन मिला। पश्चिमी दिल्ली के निवासी 20 वर्षीय युवक जन्मजात हृदय रोग, जिसे ‘एबस्टीन’ की विसंगति के रूप में जाना जाता है, से ग्रस्त था। वह इलाज के लिए लगभग 4 वर्षों से एम्स आ रहा था। कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में एक प्रोफेसर डा. मिलिंद होते ने कहा, ‘पिछले छह महीनों में, उसकी हालत बिगड़ गई थी और उसे तुरंत हृदय प्रत्यारोपण की आवश्यकता थी।’ दानकर्ता की सूचना पाकर एम्स की एक टीम बृहस्पतिवार की सुबह वडोदरा गई और हृदय लेकर दोपहर तक वापस दिल्ली आ गई। लगभग 7 घंटे की सर्जरी में हृदय प्रत्यारोपित किया गया।
दिल्ली पुलिस ने हवाई अड्डे से एम्स तक ‘ग्रीन कारिडोर’ बनाया। इससे 18 किलोमीटर का सफर एंबुलेंस ने केवल 12 मिनट में पूरा कर लिया।
इस साल एम्स में प्रत्यारोपण का यह तीसरा मामला है। अन्य दो मामलों में प्रत्यारोपण कोविड-19 लॉकडाउन लागू होने से पहले फरवरी के मध्य और मार्च की शुरूआत में किया गया था।