बेंगलुरु, 26 जुलाई (एजेंसी)
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राज्य में कई महीनों से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थी। येदियुरप्पा ने अपनी सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के दिन राज्यपाल थावरचंद गहलोत को इस्तीफा सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया। येदियुरप्पा ने इन 2 वर्षों को ‘अग्नि परीक्षा’ करार दिया। येदियुरप्पा (78) ने कहा कि उन पर दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का कोई दबाव नहीं था, उन्होंने दूसरों को मौका देने के लिए ‘स्वेच्छा से’ पद छोड़ा है। अगले मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इस पर मैं कोई प्रस्ताव नहीं दूंगा, यह फैसला आलाकमान को करना है। वे जिसे भी चुनेंगे, मैं सहयोग करूंगा और साथ काम करूंगा।’
इस्तीफा देने से पहले येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए एवं रुंधे गले से कहा, ‘मेरी बात को अन्यथा मत लें, आपकी अनुमति से… मैंने फैसला किया है कि मैं मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपूंगा। मैं दुखी होकर नहीं, बल्कि खुशी से ऐसा कर रहा हूं।’ उन्होंने 75 साल से अधिक आयु होने के बावजूद उन्हें 2 साल मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का धन्यवाद किया।
राजनीतिक सेवानिवृत्ति नहीं : दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार बनाने के मुख्य कर्ता-धर्ता येदियुरप्पा ने 4 बार राज्य का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में शत-प्रतिशत बने रहेंगे और कल से ही भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, ‘किसी भी कारण से राजनीतिक सेवानिवृत्ति का कोई सवाल ही नहीं है।’ एक अन्य प्रश्न पर येदियुरप्पा ने कहा,‘ राज्यपाल बनने का सवाल ही नहीं है। मैं कर्नाटक में संगठन को मजबूत करने के लिए काम करूंगा।’