जम्मू, 13 जुलाई (एजेंसी)
प्रतिबंधित जेकेएलएफ के सरगना यासीन मलिक ने बुधवार को यहां एक विशेष अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने तथा गवाहों से खुद जिरह करने की अनुमति मांगी और कहा कि इसकी अनुमति न मिलने पर वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि आतंकी वित्तपोषण के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा मलिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुआ। मलिक ने कहा कि उसने अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा है। अधिकारियों ने बताया कि मलिक ने अदालत को सूचित किया कि उसने गवाहों से खुद जिरह करने का भी अनुरोध किया है और यदि सरकार ने अनुरोध स्वीकार नहीं किया तो वह भूख हड़ताल पर बैठेगा। मामला 8 दिसंबर, 1989 को रुबिया सईद के अपहरण से संबंधित है। केंद्र की भाजपा-समर्थित तत्कालीन वी. पी. सिंह सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा किए जाने के बाद 13 दिसंबर को अपहर्ताओं ने रुबिया को मुक्त कर दिया था। यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और आतंकी वित्तपोषण के आरोप में मलिक को 2019 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा पकड़े जाने के बाद यह मामला फिर से जिंदा हो गया था। पिछले साल जनवरी में सीबीआई ने विशेष सरकारी वकील मोनिका कोहली और एस. के. भट की मदद से मलिक सहित 10 लोगों के खिलाफ रुबिया अपहरण मामले में आरोप तय किए थे, जो कश्मीर घाटी के अस्थिर इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। जेकेएलएफ के पांच सदस्यों की रिहाई के बाद आतंकी समूहों ने सिर उठाना शुरू कर दिया था।