Yamuna Water Level : यमुना का घटा जलस्तर, घरों में गाद जमने से बाढ़ प्रभावित परिवारों की बढ़ी परेशानी
गाद निकल जाने के बाद भी हमें घर को सुखाने की जरूरत होती है
राष्ट्रीय राजधानी की यमुना नदी में हाल ही में आई बाढ़ के बाद तंबुओं में रह रहे हजारों लोगों के लिए घर लौटने में सबसे बड़ी बाधा अब पानी नहीं, बल्कि वहां जमी गाद है। इसे साफ करना होगा और जीवन को फिर से शुरू करने के लिए घर के सूखने का इंतजार करना होगा।
घाट संख्या 28 निवासी दिहाड़ी मजदूर विनोद एक महीने से अधिक समय से अपने घर से दूर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे घर में बहुत गाद जम गया है। हमें पहले उसे पूरी तरह से हटाना होगा। फिर कुछ दिनों के लिए घर को खाली छोड़ देना होगा, ताकि वह सूख जाए। उसके बाद ही हम वापस जा सकते हैं। अपनी पत्नी और 6 बच्चों के साथ यमुना बाजार राहत शिविर में रह रहे विनोद ने कहा कि उनके बच्चे एक महीने से अधिक समय से स्कूल और कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। हमारे बच्चे राहत शिविरों में हमारे सामान की देखभाल और सुरक्षा करने में मदद करते है। मैं और मेरी पत्नी काम पर या गाद साफ करने बाहर जाते हैं। हमारे घर वापस आने के बाद ही वे अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर पाएंगे।
घाट संख्या 27 की नीलम देवी (45) ने भी ऐसी ही परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि गाद साफ करने में कई घंटे लग जाते हैं। हमारे पास मदद लेने के लिए पैसे नहीं हैं। गाद निकल जाने के बाद भी हमें घर को सुखाने की जरूरत होती है और यह पूरी तरह मौसम पर निर्भर करता है। इस बीच, ममता ने कहा कि स्थिति बहुत अधिक थकाऊ हो गई है। ममता (20) ने कहा कि 3 सप्ताह से अधिक हो गए हैं। हम बस अपने घर वापस जाना चाहते हैं। यहां तंबुओं में आपको कोई युवक नहीं मिलेगा।
जहां एक ओर लोग अपने घर वापस जाने के वास्ते गहन प्रयास करने के लिए तैयार हैं, तो वहीं दूसरी ओर यमुना का जलस्तर भी धीरे-धीरे कम होता नजर आ रहा है। पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर सोमवार को अपराह्न दो बजे घटकर 205.22 मीटर रह गया, जो एक दिन पहले के खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा कम है। बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन के अनुसार, पिछले वीरवार को यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर था, जो इस मौसम में सबसे अधिक है, लेकिन आज रात आठ बजे तक इसके 205.02 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।

