नयी दिल्ली, 12 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली में बुधवार को यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 207.71 मीटर पर पहुंच गया। इससे पहले 1978 में नदी का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंचने का रिकॉर्ड था। यमुना के आसपास के इलाकों में मकानों और बाजारों में पानी घुस गया है। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आईटीओ के पास स्थित दिल्ली परिवहन निगम मुख्यालय में भी पानी भर गया है। उल्लेख्ानीय है कि इसी इलाके में केंद्र सरकार के कई बड़े दफ्तर भी हैं। उत्तरपूर्वी दिल्ली के गांधी मेंडू और उस्मानपुर गांवों में बाढ़ का पानी चार फुट से ऊपर हो गया है। बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलायी। दिल्ली सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली में अगले चार से पांच दिनों तक लगातार बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।
दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा : केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है कि यमुना का जलस्तर और न बढ़े। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में, केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में यमुना का जलस्तर हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से लगातार बढ़ रहा है। आपसे निवेदन है कि यदि संभव हो तो हथिनीकुंड बैराज से पानी को एक सीमित गति से ही छोड़ा जाए।’ केजरीवाल ने गृहमंत्री शाह का ध्यान आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की ओर आकर्षित करते हुए लिखा कि दिल्ली कुछ हफ्तों में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है। उन्होंने कहा, ‘देश की राजधानी में बाढ़ की खबर से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। हम सबको मिलकर दिल्ली के लोगों को इस स्थिति से बचाना होगा।’