विश्व स्वास्थ्य सभा ने महामारी संधि को अपनाया, मोदी ने की सराहना
विश्व स्वास्थ्य सभा ने मंगलवार को अपने 78वें सत्र में ऐतिहासिक महामारी समझौते को अपनाया, जिससे भविष्य की महामारियों से दुनिया को अधिक न्यायसंगत और सुरक्षित बनाया जा सके। राष्ट्रीय और वैश्विक कोविड-19 प्रतिक्रियाओं में पहचाने गए अंतराल और असमानताओं के कारण शुरू की गई तीन साल की गहन बातचीत के बाद इस समझौते को अपनाया गया है।
महामारी संधि का उद्देश्य टीकों, चिकित्सा और निदान तक न्यायसंगत और समय पर पहुंच के माध्यम से भविष्य की महामारियों के लिए अधिक मजबूत और अधिक न्यायसंगत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री ने जिनेवा में आयोजित विश्व स्वास्थ्य सभा के 78वें सत्र को दिये वर्चुअल संदेश में इस वर्ष की थीम ‘स्वास्थ्य के लिए एक विश्व' को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि यह वैश्विक स्वास्थ्य के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि अंतर-सरकारी वार्ता निकाय संधि भविष्य की महामारियों से अधिक वैश्विक सहयोग के माध्यम से लड़ने की एक साझा प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि दुनिया का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि राष्ट्र सबसे कमज़ोर लोगों की कितनी अच्छी तरह देखभाल करते हैं।
पीएम ने रेखांकित किया कि भारत का दृष्टिकोण ‘ग्लोबल साउथ' की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने के लिए अनुकरणीय, विस्तार योग्य और टिकाऊ मॉडल प्रस्तुत करता है। आमतौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों या विकासशील देशों को संदर्भित करने के लिए 'ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।