गुरु-शिष्य परंपरा के कामगारों को मिलेगा लोन और बाजार
नयी दिल्ली, 16 अगस्त (एजेंसी)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘पीएम विश्वकर्मा योजना' को मंजूरी प्रदान कर दी। 13 हजार करोड़ रुपये की इस योजना के माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जाएगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने ‘पीएम विश्वकर्मा' नाम से एक नयी केंद्रीय क्षेत्र की योजना को मंजूरी दी। इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि यह योजना विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर (17 सितंबर) शुरू की जाएगी। वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूलों का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने ‘पीएम-ई बस सेवा' को भी मंजूरी दी। इस पर 10 वर्षो में 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपये देगी और शेष राशि राज्य देंगे।
इसके साथ ही सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गयी। इस पर करीब 32,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। नौ राज्यों के 35 शहरों से जुड़ी इस परियोजना से रेलवे के वर्तमान नेटवर्क में 2339 किलोमीटर जोड़ा जा सकेगा। मंत्रिमंडल ने डिजिटल इंडिया परियोजना के विस्तार को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत 5.25 लाख आईटी पेशेवरों को हुनरमंद बनाया जाएगा।
बेसिक और एडवांस ... दो तरह की ट्रेनिंग
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस'। वैष्णव ने बताया कि कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को प्रतिदिन 500 रुपये मानदेय (स्टाइफंड) दिया जाएगा। योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रुपये तक कर्ज दिया जाएगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा। दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का रियायती रिण प्रदान किया जायेगा। आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपये की मदद दी जायेगी।