वाराणसी, 8 मई (एजेंसी)
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी में नियमित दर्शन पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा के लिए दायर वाद के मुख्य पक्षकार विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन द्वारा वाद वापस लिए जाने की खबरों के बीच अन्य 4 वादी महिलाओं ने कहा है कि वे मरते दम तक यह मुकदमा लड़ेंगी। बिसेन द्वारा रविवार को मुकदमा वापस लेने की खबर सामने आने के बाद उनसे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मना कर दिया। मुकदमा वापसी का कारण भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
इसी बीच, विश्व वैदिक सनातन संघ से जुड़ी बताई जा रही मुकदमे की वादी 5 महिलाओं में से 4 सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने रविवार को कहा कि मुकदमे को वापस लेने के फैसले के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। यदि इस तरह का कोई फैसला लिया भी जाता है तो वे उसके खिलाफ हैं। इस दौरान मुख्य याचिकाकर्ता व पांचवी महिला राखी सिंह मौजूद नहीं थीं। गौरतलब है कि इसी मुकदमे के आधार पर 6 और 7 मई को ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वे का काम किया गया है। इस मामले में हिन्दू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि मुकदमा वापस लेने के बारे में उन्हें कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि इस मामले में 5 महिलाएं वादी हैं। किसी एक के मुकदमा वापस लेने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन संस्था ‘अंजुमन इंतजामिया मसाजिद’ के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि मुख्य वादी के मुकदमा वापस लेने की खबर सामने आ रही है। बाकी वादी भले ही मुकदमा वापस नहीं लें मगर मुख्य वादी के रुख से अब यह मामला कमजोर जरूर हो जाएगा।