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Women Domestic Violence : भारत में महिलाओं पर घरेलू हिंसा का गंभीर संकट, WHO ने उठाई चिंताएं

भारत में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं अपने अंतरंग साथी की हिंसा का शिकार होती हैं: डब्ल्यूएचओ

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Women Domestic Violence : भारत में वर्ष 2023 में 15-49 वर्ष आयु वर्ग की पांच में से अधिक यानी लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को अंतरंग साथी द्वारा हिंसा का सामना करना पड़ा जबकि लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में ऐसी हिंसा से प्रभावित हुई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक नयी वैश्विक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में लगभग तीन में से एक व्यक्ति यानी लगभग 84 करोड़ लोग अपने जीवनकाल में साथी या यौन हिंसा का शिकार हुए हैं और यह आंकड़ा वर्ष 2000 के बाद से लगभग नहीं बदला है। इसमें कहा गया है कि विश्वभर में 15-49 वर्ष की आयु की 8.4 प्रतिशत महिलाओं को गैर-साथी द्वारा यौन हिंसा का सामना करना पड़ा है। भारत में, अनुमानतः 15 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग की लगभग चार प्रतिशत महिलाओं को गैर-साथी द्वारा यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा मानवता की सबसे पुरानी और सबसे व्यापक ज्यादतियों में से एक है, फिर भी इस पर सबसे कम कार्रवाई की जाती है। कोई भी समाज खुद को निष्पक्ष, सुरक्षित या स्वस्थ नहीं कह सकता जब तक कि उसकी आधी आबादी भय के माहौल में जी रही हो। इस हिंसा को समाप्त करना केवल नीतिगत मामला नहीं है; यह सम्मान, समानता और मानवाधिकारों का मामला है।

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उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित विश्व बनाना सभी के लिए अच्छा है। पच्चीस नवंबर को मनाए जाने वाले ‘‘महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस'' ​​से पहले प्रकाशित रिपोर्ट में लेखकों ने कहा, ‘‘इस रिपोर्ट में प्रस्तुत अनुमान स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा वैश्विक स्तर पर व्यापक रूप से फैली हुई है, जो सभी देशों और क्षेत्रों की महिलाओं को प्रभावित कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रगति बहुत धीमी है और 2030 तक महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करना ‘‘अभी भी दूर की कौड़ी'' है। यह रिपोर्ट 168 देशों पर आधारित है और यह ‘‘2000 और 2023 के बीच किए गए सर्वेक्षणों और अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों की एक व्यापक समीक्षा'' है। यह 2021 में जारी किए गए 2018 के अनुमानों को अद्यतन करती है।

इसमें कहा गया है कि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के लिए आवंटित धनराशि में भी कमी आई है। उदाहरण के लिए 2022 में वैश्विक विकास सहायता का केवल 0.2 प्रतिशत महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम पर केंद्रित कार्यक्रमों के लिए आवंटित किया गया था और 2025 में वित्त पोषण में और गिरावट आई है। रिपोर्ट में विश्व से इस संबंध में निर्णायक कार्रवाई करने एवं वित्तपोषण के माध्यम से सार्थक परिवर्तन लाने का आग्रह किया गया है।

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