देहरादून, 14 जुलाई (एजेंसी) सावन माह के पहले दिन बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कांवड़ यात्रा शुरू हो गयी और इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से कांवड़ियों का बड़ी संख्या में गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया। वैश्विक महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद हो रही इस कांवड़ यात्रा में हालांकि कोई कोविड प्रतिबंध नहीं लागू किया गया है और अधिकारियों को उम्मीद है कि 26 जुलाई तक चलने वाली यात्रा के दौरान कम से कम चार करोड़ शिवभक्त गंगा जल लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार तथा आसपास के क्षेत्रों में पहुंचेंगे। देश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने को बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं और यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए पुलिस प्रतिबद्ध हैं। पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामलों में हुई बढ़ोत्तरी के यात्रा पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महामारी को लेकर सामान्य प्रोटोकॉल तो है ही लेकिन इसे लेकर कोई प्रतिबंध लागू नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, ‘सभी गतिविधियां खुल चुकी हैं, चारधाम यात्रा भी चल रही हैं। कहीं कोई प्रतिबंध नहीं है। हमारा मानना है कि लोग अपनी तरफ से सावधानियां बरतें और यात्रा करें।’ पुलिस महानिदेशक ने उत्तराखंड आने वाले कांवड़ियों से सुविधा के लिए पुलिस सिटीजन पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करवाने की भी अपील की। उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि यह अनिवार्य नहीं है और केवल कांवड़ियों की सुविधा के लिए ही है। उन्होंने कहा, ‘इन सबका आपको बहुत फायदा होगा । बहुत से लोगों के साथी बिछड़ जाते हैं या कोई घटना हो जाती है। अगर आप पंजीकृत होंगे तो हमारे लिए आपकी गाड़ी या घरवालों को तलाशना बहुत आसान होगा । मेरी अपील है कि पंजीकरण जरूर करें।’ उन्होंने बताया कि अब तक चार-पांच हजार लोग वेबसाइट पर पंजीकरण करवा भी चुके हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान विभिन्न राज्यों खासतौर से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान के शिव भक्त कंधे पर कांवड़ उठाकर हरिद्वार, ऋषिकेश तथा आसपास के क्षेत्रों से गंगा जल भर कर ले जाते हैं और उससे अपने यहां के मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान भारी संख्या में शिव भक्तों के जमावड़े को देखते हुए इस बार सुरक्षा व्यवस्था ड्रोन, सीसीटीवी और सोशल मीडिया निगरानी के माध्यम से की जा रही है। हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों को कांवड़ यात्रा की दृष्टि से 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में विभाजित किया गया है जिनमें नौ-दस हजार पुलिसकर्मी व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए हैं।