नयी दिल्ली, 12 जनवरी (एजेंसी)
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ दृढ़ता एवं मजबूत तरीके से निपटना जारी रखेगी। सेना दिवस से पहले संवाददाता सम्मेलन में जनरल नरवणे ने कहा कि क्षेत्र में भले ही सैनिक आंशिक तौर पर हैं, लेकिन खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘हमने सर्वोच्च स्तर की अभियान संबंधी तैयारियों को कायम रखा है, वहीं हम संवाद के जरिये भी चीन की पीएलए के साथ काम कर रहे हैं।’ सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि चीन के नये भूमि सीमा कानून के किसी भी सैन्य प्रभाव से निपटने के लिए भारतीय सेना मजबूती से तैयार है।
जनरल नरवणे ने कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए जरूरी सुरक्षा मानक अपनाये गये हैं। उन्होंने उत्तरी सीमाओं के पास अवसंरचना के विकास का जिक्र करते हुए कहा कि यह काम समग्र और व्यापक तरीके से किया जा रहा है।
हॉट स्प्रिंग्स पर समाधान की उम्मीद : जनरल नरवणे ने कहा कि यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने के चीन के प्रयासों पर उनकी सेना की कार्रवाई बहुत त्वरित है। उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने पैदा की जा रही किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हम अच्छी तरह से तैयार हैं।’ चीन के साथ 14वें चरण की सैन्य वार्ता के बारे में पूछ जाने पर जनरल नरवणे ने कहा कि भारत को पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 (हॉट स्प्रिंग्स) पर मुद्दों के समाधान की उम्मीद है।
नगालैंड मामले में एक-दो दिन में रिपोर्ट : नगालैंड में 4 दिसंबर को हुई गोलीबारी की घटना के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि जांच रिपोर्ट एक या दो दिन में आ सकती है और उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
चीन से हुई सैन्य वार्ता
पूर्वी लद्दाख में टकराव के शेष इलाकों में गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच करीब 3 महीने बाद बुधवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई। सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 14वें दौर की यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो बैठक स्थल पर सुबह शुरू हुई। समझा जाता है कि बातचीत मुख्य रूप से ‘हॉट स्िप्रंग्स’ इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने पर केंद्रित रही। भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता ने किया। चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण जिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन ने किया।