ट्रिब्यून चौक के लिए क्यों तोड़ा जा रहा ‘नो-फ्लाईओवर’ नियम
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में ट्रिब्यून चौक पर प्रस्तावित फ्लाईओवर के निर्माण के मूल आधार पर मौखिक रूप से सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा कि शहर के मास्टर प्लान में फ्लाईओवर के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
चीफ जस्टिस शील नागू की अध्यक्षता वाली पीठ ने परियोजना पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन से कहा, ‘मास्टर प्लान चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि फ्लाईओवर नहीं बनाना है। आप फिर भी इसे क्यों बना रहे हैं?’ पीठ की सहायता कर रहीं वकील तनु बेदी ने कहा कि चंडीगढ़ मास्टर प्लान को हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 2015 में अधिसूचित किया गया था और इसमें कभी संशोधन नहीं किया गया। बेदी ने जोर देकर कहा कि चंडीगढ़ की अवधारणा कभी भी किसी अन्य महानगर की तरह नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा, ‘चंडीगढ़ लग्जरी एसयूवी का शहर नहीं है, बल्कि धीमी गति से चलने वाले वाहनों, साइकिल और पैदल यात्रियों के लिए है।’ पीठ को यह भी बताया गया कि जिस सड़क पर फ्लाईओवर प्रस्तावित है, वह शहर के कई अन्य हिस्सों की तुलना में अपेक्षाकृत कम भीड़भाड़ वाली है। इस मामले की अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को होगी।
