Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आप कुत्तों को अपने घर पर खाना क्यों नहीं देते : सुप्रीम कोर्ट

कुत्तों को सार्वजनिक स्थान पर खाना देने का मामला
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (एजेंसी)

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में आवारा कुत्तों को खाना देने पर परेशान करने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को याचिकाकर्ता से पूछा आप उन्हें अपने घर में खाना क्यों नहीं देते हैं? जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, 'क्या हमें इन बड़े दिल वाले लोगों के लिए हर गली, हर सड़क खुली छोड़ देनी चाहिए? इन जानवरों के लिए तो पूरी जगह है, लेकिन इंसानों के लिए कोई जगह नहीं है। आप उन्हें अपने घर में खाना क्यों नहीं देते? आपको कोई नहीं रोक रहा है।' यह याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के मार्च 2025 के आदेश से संबंधित है।

वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को परेशान किया जा रहा है और वह पशु जन्म नियंत्रण नियमों के अनुसार सड़कों पर रहने वाले कुत्तों को भोजन देने में असमर्थ है। पशु जन्म नियंत्रण नियमावली, 2023 का नियम 20 सड़कों पर रहने वाले पशुओं के भोजन से संबंधित है और यह परिसर या उस क्षेत्र में रहने वाले पशुओं के भोजन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का दायित्व स्थानीय ‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन' या ‘अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन' या स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि पर डालता है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा, 'हम आपको अपने घर में ही एक आश्रय स्थल खोलने का सुझाव देते हैं। गली-मोहल्ले के प्रत्येक कुत्ते को अपने घर में ही खाना दें।' याचिकाकर्ता के वकील ने नियमों के अनुपालन का दावा किया और कहा कि नगर प्राधिकार ग्रेटर नोएडा में तो ऐसे स्थान बना रहा है, लेकिन नोएडा में नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर भोजन केंद्र बनाए जा सकते हैं जहां लोग अक्सर नहीं आते।

पीठ ने पूछा, 'आप सुबह साइकिल चलाने जाते हैं? ऐसा करके देखिए क्या होता है।' जब वकील ने कहा कि वह सुबह की सैर पर जाते हैं और कई कुत्तों को देखते हैं, तो पीठ ने कहा, 'सुबह की सैर करने वालों को भी खतरा है। साइकिल सवार और दोपहिया वाहन चालकों को ज़्यादा खतरा है।' इसके बाद पीठ ने इस याचिका को इसी तरह के एक अन्य मामले पर लंबित याचिका के साथ संलग्न कर दिया।

Advertisement
×