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केंद्र क्यों नहीं कहता कि वार्ता के रास्ते खुले हैं : सुप्रीम कोर्ट

डल्लेवाल की याचिका पर मांगा जवाब, पंजाब के अफसरों को भी फटकारा
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नयी दिल्ली, 2 जनवरी (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र से पूछा कि वह यह क्यों नहीं कह सकता कि उसके दरवाजे खुले हैं और वह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की उचित शिकायतों पर विचार करेगा। साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारी और कुछ किसान नेता मीडिया में यह गलत धारणा बना रहे हैं कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने की कोशिश की जा रही है। अदालत ने कभी भी डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने का निर्देश नहीं दिया, बल्कि वह केवल उनके स्वास्थ्य को लेकर

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चिंतित है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की ओर से दायर नयी याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसमें कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। केंद्र से सवाल पूछने पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘शायद न्यायालय को विभिन्न कारकों की जानकारी नहीं है, इसलिए अभी हम खुद को एक व्यक्ति के स्वास्थ्य के मुद्दे तक सीमित रख रहे हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक किसान के प्रति चिंतित है।’ डल्लेवाल की ओर से नयी याचिका दायर करने वाली याचिकाकर्ता गुनिंदर कौर गिल से कहा गया कि वह टकराव वाला रुख न अपनाएं। गिल ने कहा, ‘मामला पहले ही गारंटी में सुलझ चुका था। प्रस्ताव की आखिरी दो-तीन पंक्तियों से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह केंद्र सरकार की ओर से गारंटी थी... अब केंद्र पीछे नहीं हट सकता।’

पीठ ने कहा कि चूंकि पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी डिजिटल माध्यम से पेश हो रहे हैं, इसलिए उम्मीद है कि अदालत का संदेश नीचे तक जाएगा। न्यायालय ने दोनों अधिकारियों से हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें यह बताया गया हो कि 20 दिसंबर के उसके आदेश का कितना पालन किया गया है। अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तारीख तय की गयी।

 

बातचीत का दिया सुझाव

सुप्रीम कोर्ट।

पीठ ने याचिका की एक प्रति उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य सचिव को देने का निर्देश दिया, जो तीन जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर सकती है। न्यायालय ने केंद्र और समिति से डल्लेवाल की ओर से दायर नयी याचिका पर 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।

निरस्त कृषि कानूनों की वापसी में जुटा केंद्र : भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया कि केंद्र अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों को ‘वापस लाने’ की कोशिश कर रहा है। पत्रकारों से बातचीत में मान ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जिसे किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए।

बहुत कमजोर हो चुके हैं डल्लेवाल

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल

संगरूर (निस) : खनौरी बॉर्डर पर 38 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल बहुत कमजोर हो चुके हैं। उनकी हालत में अभी कोई सुधार नहीं हुआ है। वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि 4 जनवरी को देश के कोने-कोने से लाखों किसान डल्लेवाल का संदेश सुनने के लिए पहुंचेंगे।

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