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Jane Street Dispute : 'जेन स्ट्रीट' पर चुप्पी क्यों? SEBI की नींद और पीएम की खामोशी पर कांग्रेस का वार

‘जेन स्ट्रीट' मामले पर सेबी पांच महीने तक क्यों सोती रही, प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं: कांग्रेस
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नयी दिल्ली, 8 जुलाई (भाषा)

Jane Street Dispute : कांग्रेस ने अमेरिकी ‘ट्रेडिंग' कंपनी ‘जेन स्ट्रीट' से जुड़े मामले को लेकर मंगलवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि मोदी सरकार में संस्थाएं लगातार धाराशायी हो रही हैं जिनमें सेबी सबसे आगे है।

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पार्टी की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने यह सवाल भी किया कि ‘जेन स्ट्रीट' के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप क्यों हैं? बाजार नियामक सेबी ने बीते चार जुलाई को अमेरिकी ‘ट्रेडिंग' कंपनी जेन स्ट्रीट को प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया और कंपनी को 4,843 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को वापस करने का निर्देश दिया।

कंपनी पर सूचकांक विकल्पों में भारी मुनाफा कमाने के लिए समाप्ति के दिनों में सूचकांक स्तर में कथित रूप से हेरफेर करने का आरोप है। सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ देश में तमाम संस्थाएं ऐसी हैं, जो मोदी सरकार में लगातार धराशायी होती जा रही हैं। इसमें सबसे आगे सेबी का नाम है। सेबी की नाक के नीचे कई घोटाले-घपले हुए हैं और आम निवेशकों को लूटा गया।''

उन्होंने ‘जेन स्ट्रीट' के मामले का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इसमें आम निवेशक के लाखों करोड़ रुपये डूब गए, जिसकी चेतावनी राहुल गांधी लगातार दे रहे थे।'' कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘जेन स्ट्रीट से 4,844 करोड़ रुपये जब्त करने की बात की गई है, लेकिन उसने अवैध मुनाफे में 44,000 करोड़ रुपये कमाए हैं। ये आंकड़ा भी जनवरी, 2023 से लेकर मार्च, 2025 के बीच का है। इस समयावधि से पहले और बाद में कंपनी ने कितना मुनाफा कमाया-उसकी जानकारी नहीं है।''

उनका कहना था कि ‘जेन स्ट्रीट' ने 17 जनवरी, 2025 के दिन 735 करोड़ रुपये कमाए, ऐसा देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां, बड़े व्यापारी और निवेशक भी नहीं कर पाते हैं। सुप्रिया ने कहा, ‘‘अनुमान है कि वायदा बाजार में 93 प्रतिशत आम छोटे निवेशकों का जबरदस्त नुकसान हुआ और औसतन नुकसान सवा लाख करोड़ रुपये के करीब रहा, लेकिन कमाल की बात है कि ये सटोरिया मुनाफा कमाता रहा और सेबी सोती रही।''

उनके मुताबिक, फरवरी, 2025 में सेबी की ओर से ‘जेन स्ट्रीट' को एक पत्र भेजकर, संदिग्ध कारोबार के बारे में चेतावनी दी गई, लेकिन कंपनी मई तक काम करती रही और फिर जुलाई में इसे प्रतिबंधित किया गया। सुप्रिया ने कहा, ‘‘सेबी को इस कंपनी को बैन करने में पांच महीने क्यों लग गए? वह इतने समय तक क्यों सोती रही?'' उन्होंने दावा किया कि इस अमेरिकी कंपनी ने हिंदुस्तान के छोटे निवेशकों को रौंद दिया, उसके बाद भी सेबी ने समय रहते कुछ नहीं किया।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘जेन स्ट्रीट को हिंदुस्तान पैसा लाने की अनुमति किसने दी, मुनाफा बेधड़क अमेरिका ले जाने की इजाजत किसने दी? बाजार में हेरफेर करने वाली यह कंपनी किसी निगरानी में काम कर रही थी? सेबी ने स्वीकारा कि मुनाफा अवैध है, ऐसे में 44 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा देश से बाहर भेजा गया, उसका क्या होगा? उन्होंने कहा कि आयकर, एआईएओ, सेबी और दूसरी एजेंसियां क्या कर रही थीं? सुप्रिया ने कहा, ‘‘बाजार के बारे में बात करने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री चुप क्यों हैं? यह चुप्पी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।''

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