निर्दोषों को क्यों मार रहे हो? आतंकियों से भिड़ गया था आदिल
पहलगाम (आदिल अख़ज़र) :
पहलगाम के सुदूर इलाके का 28 वर्षीय खच्चरवाला सैयद आदिल हमेशा की तरह घर से निकला था, उसने अपने पिता से कहा था कि वह शाम तक लौट आएगा। लेकिन रात होते-होते उसके पिता सैयद हैदर को उसकी मौत की दुखद सूचना मिली। आतंकियों की गोली का शिकार वह एकमात्र स्थानीय निवासी था। आदिल ने आतंकियों से पूछा कि निर्दोषों को क्यों मार रहे हो? तभी उस पर भी गोली दाग दी गयी। आदिल के छोटे भाई सैयद नौशाद ने बताया कि एक पीड़ित महिला ने कहा कि वह आतंकियों से भिड़ गया था। आदिल परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाला था। घर में उसकी पत्नी, माता-पिता, दो भाई और तीन बहनें हैं। आदिल के पिता हैदर ने कहा, ‘मेरा बेटा पर्यटकों को बचाने की कोशिश में मर गया। हम टूट चुके हैं।’ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आदिल के अंतिम संस्कार में भाग लिया और सशस्त्र हमलावरों के सामने खड़े होने में उसकी बहादुरी की सराहना की। उमर के अनुसार, आदिल ने एक आतंकवादी से राइफल छीनने का भी प्रयास किया था। आदिल को उसके गांव में पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया, जहां सैकड़ों शोक संतप्त लोग उसे अश्रुपूर्ण विदाई देने और उसके बलिदान को सलाम करने के लिए एकत्र हुए।