नयी दिल्ली, 23 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोटा शहर में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि पर राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लिया और स्थिति को ‘गंभीर’ बताया। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इस साल अब तक शहर से आत्महत्या के 14 मामले सामने आए हैं। उन्होंने राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से पूछा, ‘आप एक राज्य के रूप में क्या कर रहे हैं? ये बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं और केवल कोटा में ही क्यों? क्या आपने एक राज्य के रूप में इस पर विचार नहीं किया?’
वकील ने कहा कि आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए राज्य में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। शीर्ष अदालत आईआईटी, खड़गपुर में पढ़ने वाले 22 वर्षीय छात्र की मौत के मामले की सुनवाई कर रही थी। छात्र 4 मई को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया था। अदालत एक अन्य मामले से भी निपट रहा है, जिसमें नीट परीक्षा की अभ्यर्थी एक लड़की कोटा में अपने कमरे में मृत मिली थी, जहां वह अपने माता-पिता के साथ रहती थी।
पीठ ने वकील से पूछा, ‘कोटा में अब तक कितने छात्रों की मौत हुई है?’ वकील द्वारा 14 कहने के बाद पीठ ने कहा, ‘ये छात्र क्यों मर रहे हैं?’ पीठ ने राजस्थान के वकील से पूछा, ‘आप हमारे फैसले की अवमानना कर रहे हैं। आपने प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की?’ पीठ ने कोटा मामले में संबंधित पुलिस अधिकारी को 14 जुलाई को स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया।