Pem Wangjom Thongdok: कौन हैं पेम वांगजॉम थोंगदोक, जिन्हें चीन ने शंघाई एयरपोर्ट पर 18 घंटे तक ‘हिरासती’ की तरह रखा
Pem Wangjom Thongdok: पेम वांगजॉम थोंगदोक एक भारतीय नागरिक हैं, जिनका मूल निवास अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के रूपा क्षेत्र में है। पिछले 14 वर्षों से वे यूनाइटेड किंगडम में रह रही हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार,...
Pem Wangjom Thongdok: पेम वांगजॉम थोंगदोक एक भारतीय नागरिक हैं, जिनका मूल निवास अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के रूपा क्षेत्र में है। पिछले 14 वर्षों से वे यूनाइटेड किंगडम में रह रही हैं।
उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ हर्टफोर्डशायर (यूके) से इंटरनेशनल बिज़नेस में एम.एससी की डिग्री प्राप्त की।
थोंगदोक ने बताया कि जब वह लंदन से जापान जा रही थीं और शंघाई एयरपोर्ट पर उनका लेओवर था, तभी यह घटना हुई। ANI से बातचीत में उन्होंने कहा कि चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें लगभग 18 घंटे तक रोके रखा, उनका मज़ाक उड़ाया और उनके भारतीय पासपोर्ट को “अमान्य” घोषित कर दिया, क्योंकि अधिकारियों को पता चला कि वह अरुणाचल प्रदेश से हैं।
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घटना का विवरण देते हुए उन्होंने ANI को बताया कि इमिग्रेशन लाइन से उन्हें एक महिला अधिकारी ने अलग कर लिया और कहा, “अरुणाचल—इंडिया नहीं, चाइना-चाइना। आपका वीज़ा मान्य नहीं है। आपका पासपोर्ट अमान्य है।” थोंगदोक के अनुसार जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो अधिकारियों ने उनका मज़ाक उड़ाया और बार-बार दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है। उन्हें यह तक कहा गया कि “चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन करो” और “तुम भारतीय नहीं, चीनी हो।”
#WATCH | Prema Wangjom Thongdok from Arunachal Pradesh claims that Chinese immigration officials at Shanghai Pudong Airport declared her Indian passport invalid and delayed her travel to Japan.
She says, "... When I tried to question them and ask them what the issue was, they… pic.twitter.com/onL9v1Oe0j
— ANI (@ANI) November 24, 2025
उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले भी वह शंघाई होकर कई बार यात्रा कर चुकी हैं, लेकिन कभी कोई समस्या नहीं हुई। इस बार उन्हें कई घंटों तक परिवार से संपर्क करने की अनुमति भी नहीं मिली। उनके अनुसार, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के कर्मचारी और अन्य इमिग्रेशन अधिकारी उनके पासपोर्ट की ओर इशारा कर हँसते हुए कहते रहे—“अरुणाचल भारत नहीं, चीन है,” जिसे उन्होंने अत्यंत अपमानजनक बताया।
थोंगदोक ने अंततः शंघाई और बीजिंग स्थित भारतीय दूतावासों से संपर्क किया। भारतीय अधिकारी एक घंटे में एयरपोर्ट पहुंचे, उन्हें भोजन दिया और पूरा मुद्दा सुलझाया, जिसके बाद वह चीन छोड़ सकीं। उन्होंने इसे बेहद थकाने वाला 18 घंटे का अनुभव बताया।
घटना के बाद भारत ने बीजिंग के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने दोहराया कि अरुणाचल प्रदेश “निस्संदेह” भारत का हिस्सा है और राज्य के निवासी पूर्ण अधिकार के साथ भारतीय पासपोर्ट रखते और उपयोग करते हैं।
यह घटना उस पृष्ठभूमि में हुई है जब चीन लगातार दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश “दक्षिण तिब्बत” का हिस्सा है। भारत इस कथन को सख्ती से खारिज करता रहा है और स्पष्ट रूप से कहता है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।

