चिप हो या शिप हमें भारत में ही बनाने होंगे, PM मोदी ने आत्मनिर्भरता पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अन्य देशों पर भारत की निर्भरता को उसका मुख्य दुश्मन बताया और आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र पर जोर देते हुए कहा कि “चिप हो या शिप...हमें भारत में ही बनाने होंगे”। वह गुजरात में भावनगर के गांधी मैदान में ‘समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने 34,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।
मोदी ने कहा कि भारत की सभी समस्याओं का एक ही समाधान है और वह है आत्मनिर्भरता। भारत वैश्विक बंधुत्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। आज दुनिया में भारत का कोई बड़ा दुश्मन नहीं है, लेकिन सही मायनों में भारत का सबसे बड़ा दुश्मन अन्य देशों पर निर्भरता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस निर्भरता को सामूहिक रूप से पराजित किया जाना चाहिए। विदेशी निर्भरता बढ़ने से राष्ट्रीय विफलता बढ़ती है। वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए, दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना होगा।
उन्होंने आगाह किया कि दूसरों पर निर्भरता राष्ट्रीय स्वाभिमान के लिए खतरा है। 140 करोड़ भारतीयों का भविष्य बाहरी ताकतों पर नहीं छोड़ा जा सकता, न ही राष्ट्रीय विकास का संकल्प विदेशी निर्भरता पर आधारित हो सकता है। आने वाली पीढ़ियों का भविष्य दूसरों पर नहीं छोड़ा जा सकता। 140 करोड़ की आबादी वाला देश अगर दूसरों पर निर्भर है, तो यह राष्ट्रीय स्वाभिमान के साथ समझौता है। एक लोकप्रिय कहावत के अनुसार, 100 प्रकार के दर्द का एक ही इलाज है, इसी तरह, भारत की सभी समस्याओं का एक ही समाधान है, और वह है आत्मनिर्भरता।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी ने युवाओं की प्रतिभा को दबा दिया और ‘लाइसेंस राज' जैसे प्रतिबंध लगा दिए। मोदी ने कहा कि भारत की अंतर्निहित शक्तियों को लगातार नजरअंदाज करने के परिणामस्वरूप, देश आजादी के छह-सात दशक बाद भी वह सफलता हासिल नहीं कर सका जिसका वह वास्तव में हकदार था। उन्होंने “लाइसेंस-कोटा व्यवस्था में लंबे समय तक उलझे रहने और वैश्विक बाजारों से अलगाव” को मुख्य कारक बताया।
मोदी ने कहा कि जब वैश्वीकरण का युग शुरू हुआ तो तत्कालीन सरकारों ने केवल आयात पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके कारण हजारों करोड़ रुपये के घोटाले हुए। इन नीतियों से भारत के युवाओं को काफी नुकसान पहुंचा है और देश की वास्तविक क्षमता को उभरने से रोका गया है। भारत के नौवहन क्षेत्र को दोषपूर्ण नीतियों के कारण हुए नुकसान का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक बहुत ही जीवंत जहाज निर्माण उद्योग रहा है।
उन्होंने समुद्री क्षेत्र से संबंधित 7,870 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों के लिए 26,354 करोड़ रुपये से अधिक लागत की केंद्र और राज्य सरकार की कई परियोजनाओं का अनावरण और शिलान्यास भी किया।