नयी दिल्ली, 9 जुलाई (एजेंसी)
व्हाट्सएप ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि जब तक डेटा संरक्षण विधेयक प्रभाव में नहीं आ जाता, तब तक वह यूजर्स को नयी प्राइवेसी पॉलिसी के लिए बाध्य नहीं करेगा। इस नीति पर अभी रोक लगा दी गई है। इसे अब संसद की अनुमति मिलने के बाद ही लागू किया जाएगा। व्हाट्सएप ने चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष यह भी साफ किया कि इस बीच वह नयी प्राइवेसी पॉलिसी को नहीं अपनाने वाले यूजर्स के लिए उपयोग के दायरे को सीमित नहीं करेगा। व्हाट्सएप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘हम स्वत: ही इस (नीति) पर रोक लगाने के लिए तैयार हो गए हैं। हम लोगों को इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।’ साल्वे ने कहा कि इसके बावजूद व्हाट्सएप अपने यूजर्स के लिए अपडेट का विकल्प दर्शाना जारी रखेगा। इस पर अदालत ने कहा कि भले ही इसके क्रियान्वयन को रोक दिया गया है लेकिन नीति तो फिर भी अस्तित्व में है। अदालत ने कहा, ‘आप इसे लागू भले नहीं कर रहे हों लेकिन नीति तो अभी अस्तित्व में है और किसी भी दिन यह वापस आ सकती है।’ इस पर साल्वे ने कहा कि जब तक डेटा संरक्षण विधेयक कानून का रूप नहीं ले लेता है तब तक कंपनी इस रुख पर कायम रहेगी। उन्होंने कहा, ‘वादा है कि जब तक इस पर संसद कानून नहीं बना देती तब तक मैं कुछ भी नहीं करूंगा।’ निजी डेटा संरक्षण विधेयक सरकार और निजी कंपनियों द्वारा किसी भी व्यक्ति के डेटा के इस्तेमाल के नियमन से जुड़ा है। इस विधेयक की जांच करने वाली संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट देने के लिए मानसून सत्र तक का वक्त दिया गया है।
30 तक सुनवाई स्थगित : अदालत फेसबुक और उसकी सहायक कंपनी व्हाट्सएप की अपीलों पर सुनवाई कर रही है जो व्हाट्एसप की नयी प्राइवेसी पॉलिसी के मामले में जांच के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल की गयी है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक स्थगित कर दी।