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पश्चिमी देश अपने यहां जिसे महत्व देते हैं, बाहर पालन नहीं करते

वैश्विक लोकतंत्र पर जयशंकर ने कहा
म्यूनिख में शनिवार को एक चर्चा में अपनी बात रखते विदेश मंत्री एस जयशंकर। - प्रेट्र
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म्यूनिख, 15 फरवरी (एजेंसी)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकतंत्र को ‘पश्चिमी विशेषता' मानने की धारणा पर कटाक्ष किया। उन्होंने आरोप लगाया कि वे अपने देश में जिस चीज को महत्व देते हैं, उसका विदेशों में पालन नहीं करते। जयशंकर ने शुक्रवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक पैनल चर्चा में ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘यदि आप चाहते हैं कि अंततः लोकतंत्र कायम रहे, तो यह महत्वपूर्ण है कि पश्चिम भी पश्चिम के बाहर के सफल मॉडल (लोकतंत्र) को अपनाए।' विदेश मंत्री ने कहा, ‘आप घर पर जो कुछ भी महत्व देते हैं, विदेश में उसका पालन नहीं करते हैं।' जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ‘हमारे सामने आने वाली सभी चुनौतियों के बावजूद, यहां तक ​​कि कम आय के बावजूद, लोकतांत्रिक मॉडल के प्रति वफादार रहा है, जो कि दुनिया के हमारे हिस्से में भी देखने को मिलता है। हम लगभग एकमात्र देश हैं जिसने ऐसा किया है।' उजयशंकर के अलावा, पैनल में नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन और वारसॉ के मेयर रफाल ट्रजास्कोवस्क शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता देता है। इस प्रकार उन्होंने अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन की इस टिप्पणी का खंडन किया कि लोकतंत्र ‘खाने की व्यवस्था नहीं करता।'

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भारतीय लोकतंत्र की खूबियां गिनाईं

जयशंकर ने एक पोस्ट में कहा, ‘मैं अपनी उंगली उठाकर शुरुआत करूंगा, बुरा मत मानिए। यह, जो निशान आप मेरे नाखून पर देख रहे हैं, वह उस व्यक्ति का निशान है जिसने अभी-अभी मतदान किया है।' जयशंकर ने कहा, ‘मेरे राज्य (दिल्ली) में अभी-अभी चुनाव हुआ है। पिछले वर्ष हमारे यहां राष्ट्रीय चुनाव हुआ था। भारतीय चुनावों में, लगभग दो-तिहाई पात्र मतदाता मतदान करते हैं। राष्ट्रीय चुनाव में लगभग 90 करोड़ मतदाताओं में से करीब 70 करोड़ ने मतदान किया। हम एक ही दिन में मतों की गिनती कर लेते हैं।'

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यूक्रेनी समकक्ष से की मुलाकात

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर जयशंकर ने अपने यूक्रेनी समकक्ष आंद्री सिबिहा से मुलाकात की और यूक्रेन में जारी संघर्ष के समाधान पर चर्चा की। जयशंकर ने ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, ‘यूक्रेन संघर्ष के समाधान की दिशा में जारी प्रयासों पर चर्चा हुई। हमारे द्विपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने के बारे में भी बात हुई।'

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‘यूरोप की सशस्त्र सेनाओं' के निर्माण का समय आ गया : जेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अब समय आ गया है कि ‘यूरोप की सशस्त्र सेना' बनाई जाए। जेलेंस्की ने साथ ही कहा कि रूस के खिलाफ उनके देश की लड़ाई ने साबित कर दिया है कि इसके लिए आधार पहले से ही मौजूद है। यूक्रेनी नेता ने कहा कि यूरोप इस संभावना से इनकार नहीं कर सकता कि ‘अमेरिका यूरोप को उन मुद्दों पर ‘नहीं' कह सकता है जो उसके लिए खतरा हैं।' उन्होंने कहा कि कई नेता लंबे समय से कह रहे हैं कि यूरोप को अपनी सेना की आवश्यकता है।

 

 

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