कोलकाता, 28 जुलाई (एजेंसी) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने बर्खास्त कर दिया। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘पार्थ चटर्जी को उद्योग, वाणिज्य एवं उद्यम विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, संसदीय मामलों के विभाग और सार्वजनिक उद्यम एवं औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग के प्रभारी मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है।’ वहीं, यहां एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बर्खास्त किये गये मंत्री पार्थ चटर्जी के विभागों का प्रभार कुछ समय के लिए उनके पास रहेगा। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी को ईडी ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के भर्ती अभियान से जुड़ी कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के संबंध में 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है। ईडी ने अर्पिता के शहर में स्थित फ्लैट से करोड़ों रुपये की नकदी जब्त की है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।