किसानी के हित में हम सह लेंगे टैरिफ का दबाव: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने की शुरुआत से दो दिन पहले सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार किसानों, पशुपालकों और लघु उद्योगों के हितों से समझौता नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, ‘हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन कर लेंगे।’
प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में कई परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि 60-65 साल तक भारत पर राज करने वाली इस पार्टी ने ‘आयात घोटाले’ करने के लिए देश को दूसरे देशों पर निर्भर बना दिया। उन्होंने कहा कि भारत शक्ति व सुरक्षा के प्रतीक सुदर्शन चक्रधारी मोहन भगवान श्रीकृष्ण और चरखाधारी मोहन महात्मा गांधी के मार्ग पर चलकर सशक्त हो रहा है। महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे और उन्होंने चरखे से स्वदेशी का प्रचार किया था।
उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के रूप में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए आतंकवादियों व उनके आकाओं को नहीं बख्शने की भारत की नीति की घोषणा की। मोदी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर हमारे सैनिकों की वीरता व सुदर्शन चक्रधारी मोहन के भारत के दृढ़ संकल्प का प्रतीक था। आज, हम आतंकवादियों और उनके आकाओं को नहीं छोड़ते, चाहे वे कहीं भी छिपे हों।’
स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर जोर
प्रधानमंत्री ने अमेरिका के भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की 27 अगस्त की समयसीमा के मद्देनजर कहा, ‘मोदी के लिए किसानों, पशुपालकों और लघु उद्योगों का हित सर्वोपरि है। हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे।’ उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के व्यापक उपयोग पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सभी को केवल ‘भारत में निर्मित’ सामान खरीदने के मंत्र का पालन करना चाहिए। व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर एक बड़ा बोर्ड लगाना चाहिए, जिस पर लिखा हो कि वे केवल ‘स्वदेशी’ सामान बेचते हैं।’ मोदी ने शाम को अहमदाबाद में एक रोड शो किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे लाखों लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिला है।’
सार्वजनिक नहीं होगी पीएम मोदी की डिग्री
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्नातक की डिग्री से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह एक सार्वजनिक पद पर हैं, उनकी सारी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक करने योग्य नहीं हो जाती। जस्टिस सचिन दत्ता ने मांगी गई जानकारी में किसी भी प्रकार के निहित जनहित से इनकार किया। न्यायाधीश ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून सरकार के कामकाज में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था, सनसनी फैलाने वाली सामग्री के लिए नहीं। नीरज नामक एक व्यक्ति द्वारा सूचना का अधिकार के तहत एक आवेदन के बाद, सीआईसी ने 1978 में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के अभिलेखों के निरीक्षण की 21 दिसंबर, 2016 को अनुमति दे दी थी।