Water Crisis Row : हाईकोर्ट तक पहुंचा विवाद... नायब सैनी बोले- पानी देना पड़ेगा तो मान ने भी दिखाए कड़े तेवर
दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 मई।
पंजाब के बाद पानी के मुद्दे पर हरियाणा के राजनीतिक दल भी एक मंच पर आ गए हैं। भाजपा के हर कदम का प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल- कांग्रेस ने ही नहीं, इनेलो, जजपा, बीएसपी, आप व सीपीआई (एम) भी खुलकर समर्थन करने का फैसला लिया। आज हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई ऑल पार्टी (सर्वदलीय) मीटिंग में पंजाब के रवैये की निंदा की गई।
सभी ने मिलकर सर्वसम्मति से तय किया कि पानी के लिए सरकार को अगर सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा तो, सरकार इससे भी पीछे नहीं हटेगी। सोमवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में होने वाली चर्चा के बाद अगर जरूरी हुआ तो हरियाणा सरकार भी विशेष सत्र बुलाएगी। इस संदर्भ में जरूरत पड़ने पर हरियाणा सरकार केंद्र सरकार से भी मिलेगी। शनिवार को भी सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तीखा वाकयुद्ध हुआ। राजधानी चंडीगढ़ में नशे के मुद्दे पर पैदल यात्रा में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे से ना तो बातचीत की और ना ही आपस में हाथ मिलाया।
वहीं दूसरी ओर, केंद्रीय गृह सचिव के निर्देशों पर शनिवार की शाम चंडीगढ़ स्थित बीबीएमबी (भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड) की बैठक हुई। बैठक को गैर-कानूनी करार देते हुए पंजाब ने इसमें भाग लेने से इंकार दिया। बहरहाल, बीबीएमबी चेयरमैन डैम से पंजाब पुलिस को हटवाने और हरियाणा में आपूर्ति शुरू करने के मुद्दे पर पंजाब सरकार के साथ कार्डिनेट करेंगे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में हुई सर्वदलीय बैठक में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, परिवहन मंत्री अनिल विज, पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर सिंह गंगवा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी, सहकारिता मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान, इनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, जेजेपी से पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, आम आदमी पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता ने बैठक में भाग लिया।
बैठक में थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा, डबवाली से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल, पूर्व विधायक व जजपा नेता अमरजीत ढांडा, बीएसपी प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण जमालपुर, सीपीआई (एम) से ओमप्रकाश के अलावा मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा के एडवोकेट जनरल (एजी) परमिंदर चौहान, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव डॉ़ अमित अग्रवाल व पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट के महानिदेशक केएम पांडुरंग सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
बीबीएमबी की चुनौती बढ़ी
केंद्रीय गृह सचिव के निर्देशों के बाद शनिवार को यहां बीबीएमबी की बैठक हुई। बोर्ड चेयरमैन मनोज त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा, नई दिल्ली हिमाचल प्रदेश व राजस्थान के अधिकारियों ने भाग लिया। पंजाब ने इस मीटिंग को गैर-कानूनी बताते हुए इसमें भाग नहीं लिया। मीटिंग में तय हुआ कि बोर्ड चेयरमैन भाखड़ा डैम से पुलिस हटाने के लिए पंजाब सरकार से बातचीत करेंगे। इसके बाद पानी रिलीज करने पर चर्चा होगी। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर जरूरत पड़ी तो पंजाब के लिए पानी का प्रबंध बोर्ड करेगा।
पंजाब सीएम भगवंत मान का बड़ा बयान
हरियाणा में जब सर्वदलीय बैठक चल रही थी तो उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जालंधर में पानी के मुद्दे पर बड़ा बयान द दिया। मान ने कहा कि पानी के लिए पंजाब में कत्ल हो जाया करते हैं। इससे पूर्व मान हरियाणा पर पानी के लिए जबरदस्ती करने के आरोप भी लगा चुके हैं। वे यह भी कह चुके हैं कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी पहले ही इस्तेमाल कर चुका है। उन्होंने कहा कि अब एक बूंद भी पानी नहीं दिया जाएगा।
156 जलघरों में पानी की बूंद तक नहीं
हरियाणा में पानी का संकट लगातार गहरा रहा है। प्रदेश के 7 जिलों में सबसे अधिक संकट है। राज्य के 156 जलघरों में पानी की बूंद तक नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए कत्ल होने के बयान पर नायब सिंह सैनी ने कहा- हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्हें (पंजाब सरकार) को पानी देना ही पड़ेगा। सैनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने असंवैधानिक तरीके से हरियाणा का पानी रोका है। दिल्ली में आप की हार का बदला लेने के लिए पानी का विवाद खड़ा किया है।
सर्वदलीय मीटिंग में पास हुआ प्रस्ताव
सर्वदलीय बैठक में हरियाणा के हितों की सुरक्षा के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करके पंजाब सरकार से आग्रह किया गया कि बीबीएमबी की तकनीकी समिति के 23 अप्रैल तथा बीबीएमबी बोर्ड के 30 अप्रैल के फैसलों को बिना शर्त लागू किया जाए। हरियाणा को मिलने वाले पानी के हिस्से पर लगाई गई अमानवीय, अनुचित, अवैध एवं असंवैधानिक रोक को तुरंत हटाया जाए।
हिमाचल भी कूदा विवाद में
पंजाब व हरियाणा के बीच चल रहे पानी के विवाद में हिमाचल सरकार भी कूद गई है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- जो पानी हिमाचल से आता है। उसका अधिकतर बंटवारा हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में होता है। जब हमने पानी से आय कमाने की सोची तो पंजाब और हरियाणा ने इसका विरोध किया। हिमाचल सीएम ने कहा- हम पानी पर अधिकार नहीं मांग रहे हैं। डैम में हिमाचल के लोगों की जमीन गई है। हमें पॉलिसी के हिसाब से 12 प्रतिशत रॉयल्टी मिले।
हाईकोर्ट तक पहुंचा विवाद
पानी का मुद्दा अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। अधिवक्ता रविंद्र ढुल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। रविंद्र ढुल ने याचिका में पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा डैम पर तैनात की गई पुलिस को लेकर चुनौती दी है। उन्होंने नंगल स्थित भाखड़ा डैम से पुलिस फोर्स हटाने की मांग की है। याचिका में बीबीएमी और केंद्र सरकार को भी पार्टी बनाया है।