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Water Crisis Row : मुख्य सचिवों की बैठक में नहीं बनी सहमति, अब SC जाएगी नायब सरकार; हरियाणा ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

हरियाणा को पानी की जरूरत के लिए बोर्ड के सामने ठोस तर्क पेश करने होंगे
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दिनेश भारद्वाज

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

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चंडीगढ़, 2 मई।

Water Crisis Row : पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा डैम के पानी को लेकर चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है। पंजाब द्वारा पानी की आपूर्ति रोकने के खिलाफ प्रदेश की नायब सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने इसके संकेत दिए हैं। सीएम  नायब सिंह सैनी ने शनिवार को दोपहर 2 बजे हरियाणा की सर्वदलीय बैठक बुला ली है।

इस बैठक में पंजाब से निपटने की रणनीति तय होगी। वहीं दूसरी ओर, शुक्रवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान की मौजूदगी में पंजाब के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में सभी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष को बुलाया गया था, लेकिन इसमें आम आदमी पार्टी और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ही पहुंचे। कांग्रेस व अकाली दल सहित दूसरे दलों ने अपने प्रतिनिधि बैठक में भेजे। सोमवार को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र होगा। इसमें पानी के मुद्दे पर प्रस्ताव पास किया जा सकता है।

इधर, नई दिल्ली में केंद्र सरकार के दखल के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व नई दिल्ली के मुख्य सचिवों व वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया। अब हर किसी की नजर, शनिवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में होने वाली सर्वदलीय बैठक पर सभी की नजर लगी हैं। हरियाणा के सभी दल इस मुद्दे पर पहले ही सरकार का साथ देने का ऐलान कर चुके हैं।

भाखड़ा डैम से हरियाणा को साढ़े 8 और नौ हजार क्यूसिक के करीब पानी मिलता रहा है। पिछले कई दिनों से पंजाब सरकार ने पानी की आपूर्ति घटाकर चार हजार क्यूसिक कर दी है। पंजाब की मान सरकार का तर्क है कि हरियाणा अपने कोटे का पानी पहले ही इस्तेमाल कर चुकी है। चार हजार क्यूसिक पानी भी मानवता के नाते दिया जा रहा है। वहीं हरियाणा पिछले वर्षों के आंकड़ों के साथ दावा कर रहा है कि उसे साढ़े आठ हजार क्यूसिक पानी मिलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा- हम अपने पानी के हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा को उसके हक का पानी मिलना चाहिए। हर साल जैसी व्यवस्था थी, अब भी वैसी ही है तो फिर पंजाब सरकार की ओर से ऐसा ड्रामा क्यों किया जा रहा है। भगवंत मान सरकार को समझना चाहिए कि वे आम लोगों को परेशान ना करें।

श्रुति चौधरी ने आगे कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ने जल में जहर मिलाने की बात कही थी, उसी राह पर चलते हुए भगवंत मान ने अपने पद की गरिमा ना रखते हुए पानी रोकने का काम किया। यह पानी पूरी तरह से बीबीएमबी का है। यही पानी हरियाणा से दिल्ली और राजस्थान भी जाता है फिर वापिस पंजाब भी आता है।

यह हुआ केंद्र की बैठक में

केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव डॉ़ सुमिता मिश्रा व सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे। पंजाब, राजस्थान व नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि बैठक में पंजाब के अधिकारियों ने मानवता के आधार पर चार हजार क्यूसिक पानी देते रहने का आश्वासन दिया। वहीं हरियाणा की साढ़े आठ हजार क्यूसिक पानी की मांग पर बैठक में कहा गया कि हरियाणा की अतिरिक्त पानी की मांग में दम हुआ तो पंजाब से उधार पर पानी लिया जा सकता है। लेकिन जरूरत पड़ने पर यह पानी पंजाब को लौटाना होगा।

मान के साथ जाखड़ भी दहाड़े

पंजाब में ऑल पार्टी मीटिंग के बाद ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस हुई। बैठक में सभी दल एकजुट नजर आए। बैठक में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव भी आया। सोमवार को विधानसभा के स्पेशल सेशन में इस पर चर्चा होगी। सीएम भगवंत मान ने कहा कि बीबीएमबी का रवैया सही नहीं है। अधिकारियों को भी बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका उचित नहीं है। वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा - हमारे पास एक भी बूंद पानी नहीं है। पहले मानवता के आधार पर हम हरियाणा को 4 हजार क्यूसिक पानी दे रहे हैं, जिस पर किसी भी पार्टी ने सवाल नहीं उठाया। पंजाबी धक्का बर्दाश्त नहीं करते। मैं और मेरी पार्टी पंजाब के साथ खड़े हैं।

पंजाब सरकार पर बनाएं दबाव : हुड्डा

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पानी के मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार को सर्वदलीय बैठक के बाद तुरंत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। पंजाब सरकार द्वारा पानी रोकना असंवैधानिक ही नहीं, बल्कि अनैतिक व अमानवीय भी है। पंजाब के पास पानी रोकने का कोई अधिकार नहीं है। हरियाणा को जल संकट से बचाने के लिए पंजाब सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए, लेकिन अब तक हरियाणा के हिस्से का पानी लेने में बीजेपी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। बीजेपी सरकार के नकारापन की वजह से प्रदेश के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

पंजाब सीएम पर दर्ज हो मुकदमा : अभय चौटाला

इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने संघीय ढांचे पर चोट की है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इस मामले की सीबीआई से जांच करवाई जानी चाहिए। अभय ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब हिमाचल से आए पानी पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने ताला लगाया है। केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करके इस स्थिति को अपने हाथ में लेना चाहिए। डैम पर अर्द्ध-सैनिक बलों को तैनात करना चाहिए।

सर्वदलीय बैठक में इन्हें बुलाया

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शनिवार को दोपहर दो बजे बुलाई गई बैठक में हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों के प्रदेशाध्यक्षों को आमंत्रित किया है। बैठक में पूरे मुद्दे पर चर्चा होगी। सर्वदलीय बैठक में विधानसभा के विशेष सत्र के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर भी चर्चा होगी। बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान, इनेलो प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला, आप प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण जमालपुर, कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रेम चंद के अलावा हरियाणा में पंजीकृत नेशनल पीपुल पार्टी के प्रतिनिधियों को बुलाया है।

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