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क्या लश्कर-ए-तैयबा शामिल था? पहलगाम हमले पर संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से पूछे कड़े सवाल

UNSC ने पाकिस्तान के झूठे आरोपों को नकारते हुए, पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा के संभावित शामिल होने पर सवाल उठाए
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फाइल फोटो
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नयी दिल्ली, 6 मई (ट्रिन्यू)

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में एक बंद दरवाजे वाली बैठक में पाकिस्तान से कहा कि उसे भारत के साथ द्विपक्षीय संवाद के जरिए अपने मतभेदों का समाधान करना चाहिए और पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए निर्दोष पर्यटकों के नरसंहार की जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। इस बैठक में पाकिस्तान से यह भी पूछा गया कि क्या पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) इस हमले में शामिल था।

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बैठक में सभी 15 UNSC सदस्य देशों ने हिस्सा लिया, जिनमें पांच स्थायी और दस अस्थायी सदस्य शामिल थे, जिनमें पाकिस्तान भी था, जो वर्तमान में सुरक्षा परिषद में दो साल की अवधि के लिए सेवा दे रहा है।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, इस अनौपचारिक सत्र में UNSC के सदस्यों ने पाकिस्तान से कठोर सवाल किए। पाकिस्तान द्वारा इस स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के प्रयास विफल हो गए, क्योंकि सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने दोहराया कि भारत और पाकिस्तान को अपनी समस्याओं का समाधान द्विपक्षीय तरीके से करना चाहिए।

सदस्यों ने पाकिस्तान के उस दावे को सिरे से नकारा जिसमें कहा गया था कि पहलगाम आतंकवादी हमला भारत द्वारा आयोजित एक "फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन" था। इसके बजाय, UNSC सदस्यों ने पाकिस्तान से यह स्पष्टता मांगी कि क्या पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा का इस हमले में कोई भूमिका थी।

पाकिस्तान के दावे को नकारा गया

बैठक के दौरान पाकिस्तान ने यह दावा किया कि पहलगाम हमला एक "फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन" था, जिसे भारत ने खुद ही अंजाम दिया ताकि पाकिस्तान को बदनाम किया जा सके। हालांकि, सुरक्षा परिषद के अधिकांश सदस्यों ने इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने इसे गलत और भ्रामक बताया और कहा कि इस तरह के राजनीतिक आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी तय करनी और सख्त कदम उठाना आवश्यक है।

भारत की स्थिति को मिला समर्थन


बैठक में पाकिस्तान के झूठे दावों को नकारते हुए, UNSC के सदस्यों ने भारत के रुख का समर्थन किया। भारत ने पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा जैसी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों की संलिप्तता का संदेह जताया था। सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने भारत के इस रुख को सही माना और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान से ठोस कदम उठाने की अपील की।

अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिशें नाकाम

पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश की, लेकिन UNSC ने इस प्रयास को भी असफल कर दिया। सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने यह स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय तरीके से किया जाना चाहिए और इस तरह के मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने से कुछ नहीं मिलेगा।

सूत्रों के मुताबिक, UNSC सदस्य देशों ने पाकिस्तान से आगे और ठोस जानकारी प्राप्त करने की बात कही है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने की अपील की है। इसके अलावा, कुछ सदस्य देशों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वह आतंकवादियों को पनाह देने की अपनी नीति को बदलने की दिशा में कदम उठाए।

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