Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Waqf Amendment Act : वक्फ संशोधन पर कासमी साहब की खुली बात, कहा - कांग्रेस ने दशकों तक मुसलमानों को समझा अपना वोट बैंक

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के समर्थन में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी का प्रेस वक्तव्य
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 5 मई, 2025 श्री

Waqf Amendment Act : उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने इस अधिनियम को मुस्लिम समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया और कांग्रेस पार्टी तथा कुछ मुस्लिम संगठनों द्वारा इसके विरुद्ध किए जा रहे विरोध की कड़ी आलोचना की।

Advertisement

मुफ्ती कासमी ने कहा, "वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, जिससे इन संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जा सकेगा। यह अधिनियम न केवल वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार को रोकेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रभावी ढंग से उपयोग की जाएं।"

उन्होंने अधिनियम के प्रमुख लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा:

1. वक्फ बोर्ड में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

2. वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण होगा, जिससे उनका प्रबंधन सुव्यवस्थित होगा।

3. संपत्तियों की सुरक्षा में वृद्धि होगी और अवैध कब्जों से मुक्ति मिलेगी।

4. वक्फ बोर्ड में महिलाओं और विद्वानों की उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।

5. वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए किया जाएगा।

मुफ्ती कासमी ने कांग्रेस पार्टी पर वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी ने दशकों तक मुसलमानों को अपना वोट बैंक समझा और वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हितों के लिए किया। वे मुस्लिम समुदाय को तुष्टिकरण की राजनीति के नाम पर गुमराह करते रहे हैं। यह अधिनियम उस तुष्टिकरण की राजनीति का अंत करेगा और मुस्लिम समुदाय को वास्तविक विकास की ओर ले जाएगा।"

उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य मुस्लिम संगठनों को भी चुनौती देते हुए कहा, "जो लोग आज वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, वे वास्तव में मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा नहीं कर रहे हैं, बल्कि कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। ये संगठन लोगों को गुमराह कर रहे हैं और मुसलमानों को केवल वोट बैंक बनाने में कांग्रेस की मदद कर रहे हैं। मैं इन संगठनों से पूछना चाहता हूं कि पिछले 70 वर्षों में उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लिए क्या किया है?"

मुफ्ती कासमी ने मुस्लिम समुदाय से वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करने और भ्रामक प्रचार से प्रभावित न होने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इस अधिनियम के तहत किसी भी वक्फ संपत्ति को मुस्लिम समुदाय से नहीं लिया जाएगा, न ही किसी मस्जिद को प्रभावित किया जाएगा और न ही किसी कब्रिस्तान को सरकार अपने अधिकार में लेगी। मुस्लिम संगठन इन मुद्दों पर अफवाहें फैला रहे हैं। मैं आश्वासन देता हूँ कि सभी वक्फ संपत्तियों का उपयोग मुस्लिम समुदाय के कल्याण और विकास कार्यों के लिए ही किया जाएगा।"

उन्होंने आगे कहा, "यह अधिनियम हमारे समुदाय के हित में है और इससे हमारा सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक विकास होगा। हमें राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देना चाहिए और अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना चाहिए।" मुफ्ती कासमी ने उन्होंने कुछ मुस्लिम संगठनों पर भी आरोप लगाया कि वे मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं और झूठी जानकारी फैलाकर विरोध प्रदर्शनों के लिए उकसा रहे हैं। "ये संगठन मुस्लिम समाज में भ्रम फैला रहे हैं और अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं," उन्होंने कहा।

मुफ्ती कासमी ने अपनी बात समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और गृह मंत्री अमित शाह जी का इस ऐतिहासिक कदम के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार का यह कदम 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत पर आधारित है। यह मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।हाजी शकील, अब्दुल रईस सहित और अन्य बुद्धिजीवी मुस्लिम लोग भी उपस्थित थे।

Advertisement
×