वांगचुक के पाकिस्तान से संबंधों की भी जांच
लेह में हिंसक प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर की एक जेल भेजे गये सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से कथित संबंधों को लेकर भी जांच की जा रही है। लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को कहा कि एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट हमारी हिरासत में है, जो वांगचुक के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के वीडियो सीमा पार भेज रहा था।
जामवाल ने वांगचुक को बुधवार को हुई हिंसा का जिम्मेदार बताया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उस दिन सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा अौर हिंसा फैलने से रोकने के लिए गोलियां चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि यदि उस दिन सीआरपीएफ वहां नहीं होती, तो पूरा शहर जलकर खाक हो गया होता।
डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा, ‘जांच (वांगचुक के खिलाफ) में क्या पाया गया है, यह अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। प्रक्रिया जारी है। अगर आप उनका यूट्यूब पर उपलब्ध प्रोफाइल और इतिहास देखें, तो उनके भाषण लोगों को उकसाने वाले प्रतीत होते हैं। उन्होंने अरब क्रांति, नेपाल, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में हाल की अशांति का जिक्र किया था। उनका (वांगचुक का) अपना एक एजेंडा था। उनके खिलाफ विदेशी चंदा और विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के उल्लंघन की जांच जारी है।’ पुलिस प्रमुख ने वांगचुक की कुछ विदेश यात्राओं को संदिग्ध बताते हुए कहा कि उन्होंने एक पाकिस्तानी समाचार पत्र के एक कार्यक्रम में भाग लिया और बांग्लादेश भी गए थे।
जामवाल ने कहा कि वांगचुक ने आंदोलन के मंच को अपने नियंत्रण में लेने और केंद्र सरकार व लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच जारी संवाद को कमजोर करने की कोशिश की। डीजीपी ने बताया कि बुधवार की हिंसा के सिलसिले में अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से कम से कम छह लोगों के हिंसा में शामिल होने का संदेह है।
इस बीच, लेह शहर में कर्फ्यू लगाए जाने के तीन दिन बाद शनिवार दोपहर चरणबद्ध तरीके से 4 घंटों के लिए प्रतिबंधों में ढील
दी गई।
मुंबई/ नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सोनम वांगचुक की रासुका के तहत गिरफ्तारी की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संकट का मूल कारण भाजपा का लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं के साथ लगातार विश्वासघात है। उधर, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस व्यक्ति ने हमारी सेना के लिए सौर टेंट तकनीक विकसित की, उसे राष्ट्र-विरोधी करार दिया जा रहा है।
विपक्षी दलों का सरकार पर निशाना