मतदाता भारत का नागरिक होना चाहिए, विदेशी नहीं : शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को आरोप लगाया कि विपक्ष घुसपैठियों को मतदाता सूचियों में बनाये रखने के लिए एसआईआर का विरोध कर रहा है। चुनाव सुधारों पर लोकसभा में चर्चा का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 में मतदाता की पात्रता, योग्यता और मतदाता होने की शर्तें तय की गई है। सबसे पहली शर्त है कि मतदाता भारत का नागरिक होना चाहिए, विदेशी नहीं। उन्होंने कहा कि संविधान निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची बनाने का पूर्ण अधिकार देता है और एसआईआर मतदाता सूची के शुद्धीकरण की प्रक्रिया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी भी देश का लोकतंत्र सुरक्षित रह सकता है, जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह घुसपैठिये तय करें।
गृह मंत्री ने कहा कि हमारी नीति घुसपैठियों को खोजने, मतदाता सूची से उनका नाम हटाने और देश से निकालने की है, जबकि कांग्रेस समेत विपक्ष की नीति घुसपैठियों को मान्यता देकर मतदाता सूची में डालने की है। शाह के बयान पर विरोध जताते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। गृह मंत्री ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मैंने अपने भाषण में नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी पर भी सवाल किए तब इन्होंने बहिष्कार नहीं किया। घुसपैठियों के सवाल पर भाग गए।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष कितनी भी बार बहिष्कार करे ले, हम एक भी घुसपैठिये को देश में नहीं रहने देंगे। विदेशी नागरिकों को भारत में मतदान करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि घुसपैठियों को बचाओगे तो भाजपा की जीत तय है।
शाह ने विपक्ष पर एसआईआर को लेकर झूठ फैलाने और पूरी दुनिया में भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘ईवीएम की दलील गले नहीं उतरती तो अब वोट चोरी का मुद्दा लेकर आए। हारने का कारण आपका नेतृत्व है, ईवीएम और मतदाता सूची नहीं।’ उन्होंने वोट चोरी के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कुछ घटनाएं गिनाईं और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी का वोट चोरी का इतिहास
रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखने के आरोपों पर शाह ने कहा कि 73 वर्ष तक इस देश में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का कोई कानून ही नहीं था।
राहुल की चुनौती पर बोले- मेरे भाषण का क्रम मैं तय करूंगा
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के दौरान उन्हें टोकते हुए चुनौती दी कि वह ‘वोट चोरी’ से संबंधित उनके तीन संवाददाता सम्मेलनों पर चर्चा करा लें। इस दौरान कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य भी गृह मंत्री के बयान पर आपत्ति जताते देखे गए और अपने स्थान पर खड़े हो गए। इस दौरान शाह ने तल्खी से कहा, ‘मैं 30 साल से विधानसभा और संसद में हूं। संसदीय प्रणाली का लंबा अनुभव है। विपक्ष के नेता कहते हैं पहले मेरी बात का जवाब दीजिए। मेरे बोलने का क्रम मैं तय करूंगा, इस तरह से संसद नहीं चलेगी। उनको धैर्य रखना चाहिए।’ राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा कि अमित शाह का जवाब पूरी तरह घबराहट भरा और डिफेंसिव है।
