Voter List Row : बिहार वोट चोरी मामले पर SC की तल्ख टिप्पणी, कहा - विशेष गहन पुनरीक्षण का विवाद विश्वास की कमी का मामला प्रतीत होता है
Voter List Row : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े विवाद को ‘‘मोटे तौर पर विश्वास की कमी का मुद्दा" बताया, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने दावा किया कि कुल 7.9 करोड़ मतदाताओं में से करीब 6.5 करोड़ लोगों को कोई दस्तावेज दाखिल करने की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि वे या उनके माता-पिता 2003 की मतदाता सूची में शामिल थे।
शीर्ष अदालत बिहार में निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से सवाल करते हुए टिप्पणी की कि यह "काफी हद तक विश्वास की कमी का मामला प्रतीत होता है, कुछ और नहीं"।
याचिकाकर्ताओं ने निर्वाचन आयोग के 24 जून के एसआईआर के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी है कि इससे एक करोड़ मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। पीठ ने याचिकाकर्ता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा, "यदि 7.9 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ मतदाताओं ने एसआईआर पर जवाब दिए हैं, तो इससे एक करोड़ मतदाताओं के लापता होने या मताधिकार से वंचित होने का सिद्धांत ध्वस्त हो जाता है।"
शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से सहमति जताई कि आधार और मतदाता पहचान पत्र को नागरिकता के निर्णायक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा और कहा कि इसके समर्थन में अन्य दस्तावेज भी होने चाहिए।