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मतदाता सूची स्थायी नहीं बनी रह सकती : सुप्रीम कोर्ट

बिहार में मतदाता सूची रिवीजन प्रक्रिया रद्द करने पर जताई असहमति, आज भी होगी सुनवाई
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस दलील से असहमति जताई कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन का कोई कानूनी आधार नहीं है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि मतदाता सूची ‘स्थिर नहीं’ बनी रह सकती। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने दलील दी कि देशभर में इस कवायद के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एनजीओ के अलावा, राजद और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इस प्रक्रिया को चुनौती दी है।

एडीआर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि ऐसा पहली बार किया जा रहा है। ईश्वर ही जानता है कि इसका अंत कहां होगा। पीठ ने कहा, ‘हमारे विचार से मतदाता सूची कभी स्थिर नहीं हो सकती। इसमें संशोधन होना ही चाहिए।’

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जस्टिस बागची ने कहा, ‘दरअसल, यह संवैधानिक अधिकार और संवैधानिक शक्ति के बीच की लड़ाई है।’ एनजीओ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने ‘शरारत’ की और मसौदा सूची से ‘सर्च’ की सुविधा को हटा दिया तथा 65 लाख लोगों की सूची को हटा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘यह घटना कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा संवाददाता सम्मेलन में फर्जी मतदाता बताए जाने के ठीक एक दिन बाद हुई।’ जस्टिस कांत ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी संवाददाता सम्मेलन की जानकारी नहीं है।

निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि बिहार की ग्रामीण आबादी तकनीक की अधिक जानकारी नहीं रखती और अब वे उन्हीं लोगों के ऑनलाइन सर्च करने में असमर्थ होने की बात कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि पहले दस्तावेजों की संख्या सात थी और अब यह 11 है, जो दर्शाता है कि एसआईआर मतदाता अनुकूल है। सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।

वोट चोरी से सांसद बने राहुल; अभिषेक और अखिलेश, इस्तीफा दें : भाजपा

भाजपा ने मतदाता पंजीकरण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी, प्रियंका, अभिषेक बनर्जी और अखिलेश यादव से लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देने की मांग की है। भाजपा का आरोप है कि विपक्ष के इन नेताओं ने ‘वोट चोरी’ के जरिये लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है। भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा मुख्यालय में इस मुद्दे पर एक स्लाइड-शो प्रस्तुति के जरिये विपक्षी नेताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का ‘विश्लेषण’ कर यह आरोप लगाए। ठाकुर ने कहा, ‘चोर मचाए शोर।’

‘निष्पक्षता के लिए लोकसभा भंग करना पहला कदम होना चाहिए’

तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने वोटर लिस्ट रिवीजन मुद्दे पर कहा कि लोकसभा को भंग करना पहला कदम होना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि क्रम समझिए- सदन को भंग कीजिए, देशभर में एसआईआर कराइए, चुनाव में जाइए और लोगों का सामना कीजिए।’

बिहार में 17 से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कई अन्य घटक दलों के नेता 17 अगस्त से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू करेंगे। सासाराम से इस यात्रा की शुरुआत होगी।

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