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वोट चोरी सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी कृत्य : राहुल

अब चुनाव सुधार पर लोकसभा में वार-पलटवार

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लोकसभा में नेता प्रति्रँपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में हेराफेरी का आरोप दोहराते हुए कहा कि सबसे बड़ा राष्ट्र विरोधी काम वोट चोरी है। चुनाव सुधारों पर लोकसभा में चर्चा के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा निर्वाचन आयोग पर कब्जा करके इस कृत्य को अंजाम देते हुए देश के तानेबाने और ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ (भारत की अवधारणा) नष्ट कर रही है।

वर्ष 2023 के निर्वाचन कानून का उल्लेख करते हुए राहुल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘मैं निर्वाचन आयुक्तों से कहना चाहता हूं कि उनकी यह धारणा हो सकती है कि यह कानून उन्हें बचाता है, लेकिन चिंता न करें, हम (सत्ता में आने पर) कानून बदलेंगे, वह भी पूर्वव्यापी प्रभाव से और आप तक पहुंचेंगे।’

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा, ‘ब्राजील की एक महिला का नाम हरियाणा की वोटर लिस्ट में 22 बार आया। एक महिला ऐसी भी है जिसका नाम हरियाणा के एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 200 से ज्यादा बार आया है।’

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राहुल ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भी सवाल किए। उन्होंने कहा, ‘ऐसा क्यों है कि बिहार में एसआईआर के बाद मतदाता सूची में 1.2 लाख ‘डुप्लिकेट’ वोटर की तस्वीरें मौजूद हैं? यदि आपने मतदाता सूची साफ-सुथरी कर दी है, तो बिहार में 1.2 लाख ‘डुप्लिकेट’ वोटर क्यों हैं?’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने चुनाव सुधारों लेकर कुछ मांगें उठाईं। उन्होंने कहा कि चुनाव से एक महीने पहले सभी राजनीतिक दलों को मशीन से पढ़ने योग्य मतदाता सूची उपलब्ध कराई जानी चाहिए। मतदान के समय की सीसीटीवी फुटेज दी जानी चाहिए और ईवीएम संरचना के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।

‘आरएसएस का कब्जे का प्रोजेक्ट’ : राहुल ने यह आरोप भी लगाया कि आरएसएस के ‘प्रोजेक्ट’ के तहत विभिन्न संस्थाओं और निर्वाचन आयोग पर कब्जा किया गया। उन्होंने कहा, ‘30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी जी की छाती में तीन गोलियां लगीं...लेकिन प्रोजेक्ट यहीं खत्म नहीं हुआ। इस ‘प्रोजेक्ट’ का अगला कदम भारत के संस्थागत ढांचे पर पूर्ण कब्जा करना था। विश्वविद्यालयों, जांच एजेंसियों और निर्वाचन आयोग पर कब्जा कर लिया गया है।’ उन्होंने कहा कि हम सिर्फ सबसे बड़े लोकतंत्र नहीं हैं, बल्कि हम सबसे महान लोकतंत्र भी हैं, लेकिन इस महान देश को नष्ट किया जा रहा है।

संविधान निर्माता को कांग्रेस ने हरवाया : मेघवाल

नयी दिल्ली, 9 दिसंबर (एजेंसी)

केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मतदाता सूचियों की शुद्धता के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की जरूरत बताते हुए मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में छह से सात बार यह प्रक्रिया लागू की गई थी। लोकसभा में ‘चुनाव सुधारों पर चर्चा’ के दौरान उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर ने ‘एक व्यक्ति, एक वोट, एक मूल्य’ का सिद्धांत प्रतिपादित किया था और आज उसी के आधार पर एसआईआर किया जा रहा है।

मेघवाल ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदाता सूचियों की शुद्धता बनाये रखना आवश्यक है। इसके लिए समय-समय पर गहन पुनरीक्षण और समरी (संक्षिप्त) पुनरीक्षण किये जाते हैं, इसमें किसी को क्यों आपत्ति होनी चाहिए।

एसआईआर की आलोचना और विरोध के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा, ‘चुनावों में बार-बार हार ने विपक्ष को हताशा से भर दिया है। इनके पास कोई बहाना नहीं है, इसलिए कभी ईवीएम और कभी एसआईआर में इन्हें गड़बड़ी दिखती है। सच यह है कि इन्हें अपनी कमी नहीं दिखती। इसके चलते भारत की जनता ने इन्हें पूरी तरह नकार दिया है।’

राहुल गांधी के आराेपों पर पलटवार करते हुए मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के लोग आजादी के बाद से ही वोट चोरी से बाज नहीं आए। मेघवाल ने 1951 में बाबासाहेब आंबेडकर की चुनावी हार का जिक्र करते हुए दावा किया, ‘जिन्होंने संविधान बनाया, उन्हीं को कांग्रेस और उसके परिवार ने हरवा दिया।’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय रायबेरली का लोकसभा चुनाव ‘धांधली और वोट चोरी’ का सबसे खराब उदाहरण है।

कानून मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के 2023 के कानून की आलोचना की। उन्होंने कहा, इसका उद्देश्य चुनाव आयोग में नियुक्ति की प्रक्रिया निर्धारित करना है और हमने संविधान के तहत ही संशोधन किया है।

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