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नेपाल में सैन्य कर्फ्यू के बाद हिंसा थमी, फ्रांस में उबाल

काठमांडू/ नयी दिल्ली, 10 सितंबर (एजेंसी) नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के एक दिन बाद बुधवार को देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ ‘जेन जी’ के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के दौरान देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद सुरक्षा अभियानों की कमान संभाल चुकी सेना ने सड़कों पर पहरा दिया। लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया गया, जिससे राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। इस बीच, राजधानी काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शाम छह बजे से सेवाएं बहाल कर दी गयीं और वहां फंसे विदेशी पर्यटकों को राहत मिली। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी। सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबंध एवं कर्फ्यू जरूरी हैं। सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा। सेना ने लूटे गये हथियार लौटाने का निर्देश भी दिया। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने काठमांडू के विभिन्न हिस्सों से लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। कुछ लोगों से नकदी, 31 हथियार, मैगजीन और गोलियां बरामद की गईं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों में प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित 25 लोग मारे गए, जबकि 633 घायल हुए। नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को काठमांडू के कोटेश्वर इलाके में भीड़ ने तीन पुलिसकर्मियों को मार डाला। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने नेपाल के घटनाक्रम पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। उन्होंने लोगों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए गहन एवं स्वतंत्र जांच का आह्वान किया। वहीं, चीन ने नेपाल के सभी वर्गों से सामाजिक व्यवस्था एवं स्थिरता यथाशीघ्र बहाल करने का आग्रह किया।
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काठमांडू में बुधवार को नेपाली राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में तैनात सैनिक। -एएनआई
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नेपाल में सेना द्वारा सुरक्षा कमान संभालने के बाद बुधवार को ‘जेन जी’ का हिंसक प्रदर्शन शांत दिखा, उधर फ्रांस में आंदोलन भड़क उठा। नेपाल में सेना के कर्फ्यू के बीच लोग घरों में सिमटे रहे, वहीं फ्रांस में राजधानी पेरिस और अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारी बेकाबू नजर आये।

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नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के एक दिन बाद बुधवार को देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया। भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ ‘जेन जी’ के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों के दौरान देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद सुरक्षा अभियानों की कमान संभाल चुकी सेना ने सड़कों पर पहरा दिया। लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया गया, जिससे राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा। इस बीच, राजधानी काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शाम छह बजे से सेवाएं बहाल कर दी गयीं और वहां फंसे विदेशी पर्यटकों को राहत मिली।

मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी। सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबंध एवं कर्फ्यू जरूरी हैं। सेना ने चेतावनी दी कि प्रतिबंधात्मक अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा। सेना ने लूटे गये हथियार लौटाने का निर्देश भी दिया। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने काठमांडू के विभिन्न हिस्सों से लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ में शामिल 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। कुछ लोगों से नकदी, 31 हथियार, मैगजीन और गोलियां बरामद की गईं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों में प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित 25 लोग मारे गए, जबकि 633 घायल हुए। नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को काठमांडू के कोटेश्वर इलाके में भीड़ ने तीन पुलिसकर्मियों को मार डाला। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने नेपाल के घटनाक्रम पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। उन्होंने लोगों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए गहन एवं स्वतंत्र जांच का आह्वान किया। वहीं, चीन ने नेपाल के सभी वर्गों से सामाजिक व्यवस्था एवं स्थिरता यथाशीघ्र बहाल करने का आग्रह किया।

सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट, भारतीयों की वापसी शुरू

उत्तराखंड, बिहार और यूपी में नेपाल की सीमा से लगे इलाकाें में निगरानी बढ़ा दी गई है। इस बीच, नेपाल में फंसे भारतीय पर्यटकों को विशेष विमान से वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भारतीयों की मदद के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान समेत कई राज्यों ने विशेष सेल बनाए हैं।

फ्रांस : पहले ऑनलाइन फिर सड़कों पर उतरे लोग

पेरिस (एजेंसी) : फ्रांस में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार गिरने के एक दिन बाद राजधानी पेरिस और अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कें अवरुद्ध कर दीं, आगजनी की और पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के शुरुआती घंटों में लगभग 250 लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा की। विरोध प्रदर्शन हालांकि ऑनलाइन शुरू हुआ था, लेकिन बाद में यह तीव्र होता गया और 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती को चुनौती देते हुए प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने तेजी से गिरफ्तारियां कीं। फोटो : रॉयटर्स

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