Vimal Negi Death Case: पेन ड्राइव गायब करने के आरोपी ASI पंकज शर्मा को हिमाचल हाई कोर्ट से मिली जमानत
Vimal Negi Death Case: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पेन ड्राइव को गायब करने के आरोपी एएसआई पंकज शर्मा को जमानत दे दी है। न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने याचिका को स्वीकारते हुए शर्त लगाई है कि प्रार्थी बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जाएगा।
कोर्ट ने पंकज शर्मा को अभियोजन पक्ष के गवाहों पर कोई दबाव न बनाने व मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को ऐसा कोई प्रलोभन या धमकी न देने के आदेश दिए हैं जिससे वे ऐसे तथ्यों को कोर्ट या पुलिस अधिकारी के सामने बताने से रुक जाए।
पंकज शर्मा ने हाई कोर्ट में जमानत प्रदान करने के लिए याचिका दायर की थी। प्रार्थी का कहना था कि वह बेगुनाह है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वह पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रहा है और कथित घटना के समय वह पुलिस स्टेशन, सदर शिमला में तैनात था। उसे CBI ने 14 सितंबर को उसके पैतृक स्थान जोल बहल, पोस्ट ऑफिस डंगार, तहसील घुमारवीं, जिला बिलासपुर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद, उसे 16 सितंबर को शिमला के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस कस्टडी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया।
पंकज शर्मा के खिलाफ 19 मार्च को एफ आई आर दर्ज की गई थी और 23 मई को हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को ट्रांसफर कर दी थी। इसके बाद CBI ने 26 मई को उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। प्रार्थी का कहना था कि CBI को अब उसकी कस्टडी में पूछताछ की ज़रूरत नहीं है और अगर उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है तो वह इस कोर्ट द्वारा लगाई गई किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार है।
CBI ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 18 मार्च को सुबह 7-8 बजे के बीच, विमल नेगी की लाश के बारे में जानकारी स्वारघाट पुलिस स्टेशन को दी गई। इसके बाद, स्वारघाट पुलिस ने ज़रूरी कार्रवाई की और ये बातें पुलिस स्टेशन सदर शिमला को बताईं, जहाँ विमल नेगी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी।
याचिकाकर्ता पंकज शर्मा को पुलिस स्टेशन सदर, शिमला से लाश का पता लगाने के लिए स्वारघाट पुलिस स्टेशन से संपर्क करने का निर्देश दिया गया था। स्वारघाट पुलिस स्टेशन से संपर्क करने के बाद, वह होम गार्ड सुरेश व मछुआरे सुनील और महेंद्र के साथ शामिल हुआ, जिन्हें एसएचओ पुलिस स्टेशन स्वारघाट ने विमल नेगी की लाश खोजने के लिए तैनात किया था।
मौके पर पहुंचने पर पंकज शर्मा ने मछुआरे सुनील को मृतक की लाश पलटने का निर्देश दिया, ताकि वे लाश का चेहरा देख सकें। सुनील ने लाश को पलटा और पंकज शर्मा के निर्देश पर मछुआरे सुनील ने मृतक विमल नेगी की जैकेट और पतलून की जेब की तलाशी ली। जैकेट में एक पर्स मिला जो उसने पंकज शर्मा को सौंप दिया। सुनील की मौजूदगी में पर्स से कैश, एक पेन ड्राइव और ड्राइविंग लाइसेंस निकाला। मछुआरे सुनील ने घटना का वीडियो बनाने के लिए अपना फोन दूसरे मछुआरे महेंद्र को दे दिया था।
जब सुनील विमल नेगी की लाश की तलाशी ले रहा था, तब महेंद्र सिंह सुनील कुमार के मोबाइल फोन में वीडियो बना रहा था। वीडियो में यह देखा गया कि पंकज शर्मा पेन ड्राइव अपने पास रख रहा था। उस समय एच पी पी सी एल के चार कर्मचारी भी मौजूद थे। कुछ समय बाद, पुलिस स्टेशन तलाई का पुलिस स्टाफ भी मौके पर आया, जिसके अधिकार क्षेत्र में विमल नेगी की लाश मिली थी।
पंकज शर्मा ने अपना परिचय दिया और ड्राइविंग लाइसेंस और कैश पुलिस स्टेशन तलाई के पुलिस स्टाफ को सौंप दिया, लेकिन पेन ड्राइव नहीं सौंपी। पंकज शर्मा ने पुलिस स्टेशन तलाई की स्थानीय पुलिस की गैरमौजूदगी में लाश की तलाशी ली। पंकज शर्मा ने पेन ड्राइव मिलने के बारे में पुलिस स्टेशन तलाई के पुलिस कर्मियों को भी सूचित नहीं किया था। बाद में SIT की जांच के दौरान, यह सामने आया कि पंकज शर्मा ने मृतक विमल नेगी की पेन ड्राइव बिना किसी कानूनी अधिकार के अपने पास रखी थी।
बाद में, पेन ड्राइव को 15 अप्रैल को ए एस पी नवदीप सिंह की अगुवाई वाली दूसरी SIT ने ज़ब्त कर लिया और फोरेंसिक जांच में पता चला कि यह पेन ड्राइव फॉर्मेट की गई थी। CBI के मुताबिक, पंकज शर्मा ने 21 मार्च को शिमला के सदर पुलिस स्टेशन के कंप्यूटर में पेन ड्राइव को फॉर्मेट किया था, जहाँ वह तैनात था। सदर पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी में यह देखा गया कि पंकज 21 मार्च को पेन ड्राइव लगा रहा था। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि वह कंप्यूटर में कुछ फाइलें खोल रहा था। CBI के मुताबिक, उसने विमल नेगी की मौत के पीछे के अपराधियों को बचाने के गलत इरादे से पेन ड्राइव को फॉर्मेट किया था।
CBI का कहना था कि पंकज शर्मा ने जांच में कभी सहयोग नहीं किया, क्योंकि उसने इस मामले की जांच के दौरान समय-समय पर अपना बयान बदला है। इस बात पर ज़ोर देते हुए CBI ने यह दलील दी कि पंकज शर्मा शुरू में नई दिल्ली में पूछताछ के दौरान पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिए तैयार था और उसने इस संबंध में अपनी सहमति भी दी थी, लेकिन जब उसे ट्रायल कोर्ट के सामने पेश किया गया, तो उसने इससे इनकार कर दिया।
कोर्ट ने जमानत याचिका को मंज़ूर करते हुए कहा कि जिन अपराधों के लिए उसे गिरफ्तार किया गया है, उनके लिए अधिकतम सज़ा को देखते हुए याचिकाकर्ता को अनिश्चित काल तक न्यायिक हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रकम के एक जमानती को पेश करने पर पंकज शर्मा रिहा को जमानत पर करने के आदेश जारी किए।
 
 
             
            