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Vice Presidential Election : देश प्रेम से निर्देशित हो आपकी पसंद, उपराष्ट्रपति चुनाव में बी सुदर्शन रेड्डी की सांसदों से अपील

यह सिर्फ उपराष्ट्रपति चुनने के लिए वोट नहीं है - यह भारत की भावना के लिए वोट है
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उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने रविवार को सांसदों से अपील की कि वे पार्टी निष्ठा को अपने चयन का आधार न बनने दें और उन्हें इस पद के लिए जिताकर यह सुनिश्चित करें कि राज्यसभा लोकतंत्र के एक सच्चे मंदिर के रूप में स्थापित हो।

यह सिर्फ उपराष्ट्रपति चुनने के लिए वोट नहीं है - यह भारत की भावना के लिए वोट है। वीडियो संदेश में रेड्डी ने सांसदों से कहा कि वह उनका समर्थन अपने लिए नहीं, बल्कि उन ‘‘मूल्यों के लिए चाहते हैं जो हमें एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करते हैं। इस चुनाव में कोई पार्टी व्हिप नहीं है और मतदान गुप्त है। किसी राजनीतिक दल के प्रति निष्ठा नहीं, बल्कि देश के प्रति प्रेम ही आपके चुनाव का आधार होना चाहिए। आप सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने प्रिय राष्ट्र की अंतरात्मा और आत्मा की रक्षा करें।

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि मुझे यह पद सौंपकर आप संसदीय परंपराओं की रक्षा करने, बहस की गरिमा बहाल करने और यह सुनिश्चित करने का चुनाव करेंगे कि राज्यसभा लोकतंत्र के सच्चे मंदिर के रूप में बनी रहे। आइए, हम सब मिलकर अपने गणतंत्र को मजबूत बनाएं और एक ऐसी विरासत बनाएं, जिसे पाकर आने वाली पीढ़ियां गर्व महसूस करें।

सांसदों को भेजे अपने संदेश में रेड्डी ने कहा कि वह महान गणराज्य के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में विनम्रता और जिम्मेदारी की गहरी भावना के साथ उनके सामने खड़े हैं। भारत का लोकतंत्र हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सर्वोच्च बलिदान पर निर्मित हुआ है और दशकों तक उनकी दूरदर्शिता से पोषित हुआ है। आज, जब लोकतांत्रिक स्थान सिकुड़ रहा है और नागरिकों के अधिकार दबाव में हैं, तो हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की आत्मा की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि उनकी उम्मीदवारी कोई व्यक्तिगत आकांक्षा नहीं है, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा और उसे मजबूत करने का एक सामूहिक प्रयास है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उद्धृत करते हुए रेड्डी ने कहा, ‘‘एकता का सबसे मजबूत बंधन वह साझा स्नेह है जो हम अपने देश के लिए रखते हैं। इस बंधन ने मेरी यात्रा के हर चरण में मेरा मार्गदर्शन किया है और यह मुझे हमारे लोकतंत्र के निष्पक्ष संरक्षक के रूप में सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहा है।

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