Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Verma Cash Recovery Case : यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार, अब 28 जुलाई को होगा फैसला

न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट अमान्य है

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया है। उन्हें नकदी बरामदगी विवाद में कदाचार का दोषी पाया गया है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है।

न्यायमूर्ति वर्मा ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की 8 मई की सिफारिश को भी रद्द करने का अनुरोध किया है, जिसमें उन्होंने संसद से उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया था। याचिका में न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि जांच ने साक्ष्य पेश करने की जिम्मेदारी बचाव पक्ष पर डाल दी, जिसके तहत उनके विरुद्ध लगाए गए आरोपों की जांच करने और उन्हें गलत साबित करने का भार उन पर डाल दिया गया है।

Advertisement

न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोप लगाया कि समिति के निष्कर्ष पूर्वकल्पित आख्यान पर आधारित हैं। कहा कि जांच की समय-सीमा केवल कार्यवाही को शीघ्रता से समाप्त करने की इच्छा से प्रेरित थी, चाहे इसके लिए “प्रक्रियात्मक निष्पक्षता” की कीमत ही क्यों न चुकानी पड़ी हो। याचिका में तर्क दिया गया कि जांच समिति ने उन्हें पूर्ण और निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिए बिना ही प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला।

Advertisement

घटना की जांच कर रही जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि न्यायमूर्ति वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का स्टोर रूम पर गुप्त या सक्रिय नियंत्रण था, जहां आग लगने की घटना के बाद बड़ी मात्रा में आधी जली हुई नकदी मिली थी, जिससे उनका कदाचार साबित होता है, जो इतना गंभीर है कि उन्हें हटाया जाना चाहिए।

Advertisement
×