Vande Mataram: अखिलेश यादव बोले- जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग ही नहीं लिया, वे वंदे मातरम् का महत्व क्या जानेंगे?
Vande Mataram: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम्' सिर्फ गाने के लिए नहीं, बल्कि निभाने के लिए भी होना चाहिए, लेकिन आज के ‘‘दरारवादी'' लोग इसी के जरिये देश को तोड़ना चाहते हैं।
अखिलेश ने लोकसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान में सत्ता पक्ष के लोग हर चीज का श्रेय लेना चाहते हैं। सपा सांसद ने कहा, ‘‘हमारे सत्ता पक्ष के लोग हर चीज का श्रेय लेना चाहते हैं...जो महापुरुष उनके नहीं हैं, या जो चीज उनकी नहीं है, उन्हें भी अपनाना चाहते हैं।''
अखिलेश ने कहा, ‘‘वंदे मातरम् सिर्फ गाने के लिए नहीं है, निभाने के लिए भी होना चाहिए। सत्ता पक्ष के लोग आकलन करें कि हम इसे कितना निभा रहे हैं। आज के ‘दरारवादी' लोग उसी के जरिये देश को तोड़ना चाहते हैं। ऐसे लोगों ने पहले भी देश के साथ दगा किया है, आज भी (दगा) कर रहे हैं।''
उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन के समय उनके जो अध्यक्ष चुने गऐ थे, उन्हें जो भाषण देना था उस पर इस बात को लेकर बहस चली थी कि ‘‘भाजपा धर्मनिरपेक्ष समाजवाद के रास्ते पर जाएगी कि नहीं।''
सपा सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वंदे मातरम् कोई दिखावा, या राजनीति का विषय नहीं है, लेकिन ‘‘ऐसा लगता है कि वंदे मातरम् इन्हीं (सत्तापक्ष) का बनवाया हुआ है।''
उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग ही नहीं लिया, वे वंदे मातरम् का महत्व क्या जानेंगे?'' उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्राथमिकी विद्यालयों को एकीकृत किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम आजाद हैं, ‘‘उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूल बंद किये जा रहे हैं। 26 हजार से अधिक स्कूल बंद हो गए।''
उन्होंने दावा किया कि जब पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समाज ने बच्चों को पढ़ाने की कोशिश की, तो भाजपा सरकार ने पढ़ने गये बच्चों और पढ़ाने गए लोगों पर मुकदमा कर दिया।
वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में थी: बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में थी। उन्होंने सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा की शुरुआत से पहले यह टिप्पणी की।
बिरला ने सदन में कहा, ‘‘आज हम ‘वंदे मातरम्' की 150 वर्षीय गौरव-यात्रा का स्मरण कर रहे हैं। एक ऐसी अमर ध्वनि, जिसकी प्रत्येक पंक्ति में भारत की प्रकृति, मातृत्व, सौंदर्य और शक्ति का अद्भुत समन्वय धड़कता है। इस गीत ने लाखों भारतीयों के भीतर स्वतंत्रता का स्वप्न देखने का साहस जगाया और असंख्य वीरों ने यातनाओं और फांसी के तख्तों पर चढ़ते हुए भी वंदे मातरम् का उद्घोष कर मातृभूमि के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।''
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम उन ज्ञात-अज्ञात सभी राष्ट्रनायकों को नमन करते हैं, जिनकी आस्था और त्याग ने वंदे मातरम् को केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प का कालजयी प्रतीक बना दिया। वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता-संग्राम के दिनों में थी।''
बिरला का कहना था, ‘‘आज का यह विमर्श हमारी राष्ट्रीय स्मृतियों और सांस्कृतिक आत्मा को पुनः आलोकित करने का अवसर है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि माननीय सदस्य अपने उदात्त विचारों से इस चर्चा को सत्र का एक ऐतिहासिक अध्याय बनाएंगे और वंदे मातरम् की प्रकाशमान ऊर्जा को नई पीढ़ियों तक और भी प्रखरता से पहुंचाएंगे।''
महबूबा ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा: भाजपा ‘खोखले प्रतीकवाद' में लिप्त है
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘इंडिगो' विमानन कंपनी में उथल-पुथल से उत्पन्न संकट जैसे उभरते मुद्दों को सुलझाने के बजाय ‘खोखले प्रतीकवाद' में लिप्त है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ पर सोमवार को लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की। महबूबा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संसद दो सौ साल पुराने वंदे मातरम् पर बहस में व्यस्त है, जबकि इंडिगो के यात्री परेशान हैं और जवाबदेही चाहते हैं। लोगों की दिक्कतें बढ़ाने वाले संकटों का सामना करने के बजाय, भाजपा खोखली प्रतीकात्मकता में लिप्त प्रतीत होती है।''
पूर्व मुख्यमंत्री ने दो दिसंबर से इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ानें रद्द किए जाने का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की। इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के कारण देश भर के हवाई अड्डों पर लाखों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक दिखावा कैसे नौकरियां पैदा करेगा, कैसे बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करेगा या लाखों भारतीयों के सामने मौजूद वास्तविक समस्याओं से कैसे निपटेगा?"
