Vande Mataram @150 : जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- विभाजनकारी विधाराधारा को बढ़ावा देने के लिए मांगे माफी
प्रधानमंत्री ने टैगोर पर ‘विभाजनकारी विधाराधारा' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, माफी मांगें: कांग्रेस
Vande Mataram @150 : कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय गीत के महत्वपूर्ण छंदों को हटाए जाने का बयान देकर रवींद्रनाथ टैगोर पर ‘विभाजनकारी विचारधारा' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है और प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
रमेश ने एक पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि खुद टैगोर ने यह सुझाव दिया था कि ‘वंदे मातरम' गीत के पहले दो छंदों को ही राष्ट्रीय गीत के रूप में अंगीकार किया जाए। 1937 में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम' के महत्वपूर्ण छंदों को हटा दिया गया था जिसने विभाजन के बीज बोये और ऐसी ‘‘विभाजनकारी मानसिकता'' देश के लिए अब भी चुनौती है।
मोदी ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक मनाए जाने वाले स्मरणोत्सव की शुरुआत करते हुए ये टिप्पणियां कीं। मोदी ने इस अवसर पर यहां इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि सब्यसाची भट्टाचार्य की ‘वंदे मातरम' पर लिखी गई विस्तृत जीवनी के ये अंश 29 अक्टूबर, 1937 के कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के उस प्रस्ताव की पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हैं जिसमें ‘वंदे मातरम' को अंगीकार किया गया था। बैठक से तीन दिन पहले 26 अक्टूबर, 1937 को टैगोर ने इस मुद्दे पर नेहरू को पत्र लिखा था।
गुरुदेव स्वयं, जिनका वंदे मातरम से विशेष संबंध था, ने सुझाव दिया था कि इस गीत के पहले दो छंदों को अंगीकार किया जाए। उनके पत्र ने वास्तव में पूरे प्रस्ताव को गहराई से प्रभावित किया। प्रधानमंत्री मोदी अब गुरुदेव पर ‘‘विभाजनकारी विचारधारा'' को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं। यह एक ऐसे व्यक्ति का शर्मनाक बयान है जिनके झूठ और विकृतियों की कोई सीमा नहीं है। भारत की जनता बिना शर्त माफी की मांग करती है।

