कौशांबी (उत्तर प्रदेश), 20 जून (एजेंसी)ज़िले में फादर्स डे के दिन रविवार को संपत्ति तथा पैसे के बंटवारे को लेकर 2 बेटों ने अपनी पत्नियों के साथ मिलकर पिता की दिन-दहाड़े पीट-पीट कर हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मंझनपुर नगर पालिका परिषद के गांधीनगर वार्ड निवासी, रेलवे के पूर्व कर्मचारी बैजनाथ पाल (62) की उसके दो बेटों और बहुओं ने मिलकर लोहे के सब्बल से वारकर हत्या कर दी। पाल 2 साल पहले ही सेवानिवृतत हुआ था और उसके परिवार में 3 बेटे, एक अविवाहित बेटी और बहुएं हैं। पाल पत्नी छोटे बेटे-बहू और बेटी के साथ अपने पुराने मकान में रहता था जबकि उसके बाकी दोनों बेटा बहु दूसरे मकान में रहते थे। आज पाल के बड़े व मझले बेटे-बहू, बड़े बेटे के साला और बेटे ने मिलकर पैसे के बंटवारे को लेकर पाल की लोहे के सब्बल व डंडों से जमकर पिटाई की जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस संबंध में क्षेत्राधिकारी मंझनपुर डॉ कृष्ण गोपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।